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delhi.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 दिसंबर, 2018 को रायबरेली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग – 232 के पुनर्निमित रायबरेली-फतेहपुर-बांदा सेक्शन का लोकार्पण करेंगे। 133 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को 558 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड, चित्रकूट, लखनऊ और पूर्वांचल को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण संपर्क है। इस राजमार्ग पर निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रकों का भारी यातायात होता है। जब 2013 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस राजमार्ग का काम हाथ में लिया था, तब उस समय इसकी बहुत जर्जर हालत थी। उस दौरान बांदा से रायबरेली जाने में 7 से 8 घंटे लगते थे। मरम्मत के बाद इन दोनों शहरों के बीच सफर का समय अब ढाई घंटे हो गया है।

यह राजमार्ग दो लेनों का है और दोनों तरफ फुटपाथ बने हैं। बांदा जिले के शहरी हिस्से में राजमार्ग चार लेन का हो जाता है। इस राजमार्ग पर दो बाई-पास भी बनाए गए हैं। पहला बाई-पास 11 किलोमीटर लंबा है जो फतेहपुर जाता है और दूसरा बाई-पास पांच किलोमीटर लंबा है जो रायबरेली के लालगंज को जाता है। लालगंज और फतेहपुर में दो आरओबी (रेलवे लाइन के ऊपर पुल) भी बनाए गए हैं। इन दोनों पुलों को इस तकनीक से बनाया गया है, ताकि व्यस्त दिल्ली-कोलकाता रेलवे ट्रंक रूट पर ट्रैफिक जाम न हो सके।

बांदा और रायबरेली के बीच यात्रा समय में भारी कमी करने के साथ यह राजमार्ग इन शहरों में ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति दिलाएगा और प्रदूषण में कमी आएगी तथा ईंधन की खपत भी कम होगी। राजमार्ग खुल जाने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा राज्य के पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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