delhi.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जून को भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के लिए एक नये कार्यालय परिसर ‘वाणिज्य भवन’ की आधारशिला रखेंगे। इंडिया गेट के निकट स्थित यह प्रस्तावित भवन अकबर और मान सिंह रोड के चौराहे (जंक्शन) पर उस 4.33 एकड़ भूमि पर निर्मित किया जा रहा है, जो पूर्ववर्ती आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय (डीजीएसएंडडी) के स्वामित्व में थी।
सेन्ट्रल विज्टा के मानकों के अनुरूप इस भवन का क्षेत्रफल 19233.745 वर्ग मीटर है। इसमें लगभग 1000 अधिकारी एवं कर्मचारी समायोजित किये जाएंगे। सेन्ट्रल विज्टा ढांचे को बरकरार रखते हुए वाणिज्य भवन में आधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त सारी सुविधाएं होंगी। यह अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे कि स्मार्ट एक्सेस कन्ट्रोल, केन्द्रीकृत एयर कंडीशनिंग, वीडियो कांफ्रेंसिंग एवं पूरी तरह नेटवर्क प्रणालियों से युक्त एक पेपरलेस कार्यालय होगा। यह भवन सभी आवश्यक प्रमाणन से युक्त एक हरित भवन होगा।
भवन का नक्शा कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे कि कम से कम पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी। इस भूखंड पर लगे 214 पेड़ों में से 56 प्रतिशत से भी अधिक पेड़ या तो अछूते रहेंगे अथवा उन्हें उसी भूखंड पर कहीं ओर लगाया जाएगा। लगभग 70 प्रतिशत बड़े पेड़ों को सुरक्षित रखा गया है। इसी भूखंड पर 230 नये पेड़ लगाये जा रहे हैं। अत: यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नये भवन के निर्माण के बाद इस स्थल पर पेड़ों की संख्या बढ़ जाए। नया भवन न केवल भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत, बल्कि भारत में गवर्नेंस में अभिनव प्रौद्योगिकी अपनाने का भी प्रतीक होगा। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) के जरिये भारत में जिस तरह से सार्वजनिक खरीद के तरीके में व्यापक बदलाव लाया गया है, वह वाणिज्य विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किये जाने का एक अनुकरणीय उदाहरण है।पहले से ही मिली हुई अनेक जिम्मेदारियों के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के एकीकृत विकास सहित कई नये दायित्व मिलने के फलस्वरूप वाणिज्य विभाग की भूमिका देश के आर्थिक विकास की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
देश की विदेश व्यापार नीति के निरूपण, क्रियान्वयन, निगरानी एवं समीक्षा के साथ-साथ बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों, विशेष आर्थिक जोन एवं निर्यात संवर्धन तथा व्यापार में सुविधा से जुड़े अनेक कार्य वाणिज्य विभाग के मौजूदा दायित्वों में शामिल हैं।वाणिज्य विभाग फिलहाल उद्योग भवन में स्थित है, जहां बड़ी संख्या में भारत सरकार के अन्य विभाग भी कार्यरत हैं। इस वजह से उद्योग भवन में जगह संबंधी दिक्कतें आ रही है। वाणिज्य विभाग से संबद्ध एवं अधीनस्थ कार्यालय जैसे कि व्यापार उपाय महानिदेशालय (डीजीटीआर) और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) का कामकाज किराये पर लिये गये परिसरों से संचालित किया जा रहा है।