जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर में लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम को पूरी तरह फ्लॉप बताया और कहा कि यह तो खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली बात हो गयी। प्रदेशवासी फिर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि आज जयपुर में सभा प्रधानमंत्री से सीधे संवाद के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन संवाद तो हुआ ही नहीं सभा में पहले से प्रायोजित क्लीपिग्ंस का प्रजेन्टेशन दिया गया। क्या इसे संवाद कहा जायेगा? ये क्लीपिग्ंस तो बिना करोड़ों रूपये बहाए प्रधानमंत्री को पैन ड्राइव के जरिये वैसे ही दिल्ली भेजी जा सकती थी?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर तीन लाख लाभार्थियों को प्रदेशभर से बुलाने का दावा किया था। सरकार की इस मशक्कत में पन्द्रह दिन तक पूरे प्रदेश में प्रशासन ठप रहा, गरीब जनता अपने कामों के लिए सरकारी विभागों में मारी-मारी फिरती रही। कलक्टर से लेकर पटवारी तक सभी भीड़ जुटाने के कार्य में जुटे रहे, फिर भी सारे दावे धरे रह गये। गहलोत ने कहा कि सरकारी मशीनरी के खुले दुरूपयोग, सरकारी खजाने को पानी की तरह बहाये जाने, आगन्तुकों को लोभ लालच देने के लिए सभी सुविधायें मुहैया करवाने, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, अध्यापकों, पटवारियों और संविदा कर्मियों आदि को डरा-धमका कर सहयोग के लिए मजबूर कर उन्हें जयपुर भेजा गया। हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सारी संवैधानिक मर्यादाओं को संवैधानिक मुखिया राज्यपाल की मौजूदगी में तार-तार कर दिया। इस सरकारी आयोजन को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने राजनैतिक मंच के रूप में तब्दील कर दिया।
नरेन्द्र मोदी और श्रीमती वसुंधरा राजे ने एक-दूसरे की तारीफों के पुल बांधने में जो प्रतिस्पर्धा इस कार्यक्रम में दिखाई है, यही प्रेमभाव यदि चार साल से होता तो प्रदेश की ऐसी उपेक्षा नहीं होती। प्रदेश की जनता को प्रधानमंत्री ने कोई सौगात नहीं दी। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री जवाब दे कि राजस्थान के लिए इक्कीस हजार करोड़ रूपये की इन योजनाओं की घोषणा कर वो चले गये, क्या वे सभी चुनाव पूर्व के 4 माह में पूरी कर दी जायेगी? श्री गहलोत ने कहा कि रिफायनरी पर प्रधानमंत्री को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिये, जिनकी पार्टी की राज्य सरकार ने रिफायनरी को बदनीयती के साथ झूठ व भ्रम फैलाकर चार साल तक लटकाये रखा वरना अब तक तो रिफायनरी क्रियाशील हो जाती। प्रधानमंत्री द्वारा रिफायनरी के पुनः कार्य शुभारंभ को भी छह माह बीत जाने के बाद अब तक कोई भी काम धरातल पर नहीं हुआ है और ना ही राज्य सरकार की करने की मंशा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर इस सरकारी आयोजन का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ो रूपयों के दुरूपयोग के लिए प्रदेशवासी उसे समय आने पर सबक सिखायेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की हथकंडेबाजी और जुमलेबाजी से प्रदेशवासी पूरी तरह वाकिफ है। उसकी चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ चुका है। अब भाजपा चाहे जो हथकंडा अपना ले प्रदेश की जनता उसके झांसे में आने वाली नहीं है, जैसे काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।