जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जिस समाज में बालिकाएं अधिक शिक्षित होती हैं, वह तेजी से विकास करता है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। निजी विश्वविद्यालयों को अपने यहां इस बारे में विशेष कदम उठाने चाहिए ताकि बालिकाओं की प्रतिभा उभर कर सामने आ सके।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं में छात्राओं के नामांकन में सुधार पर बल देते हुए कहा कि बालिकाओं को यदि अवसर दिए जाते हैं तो वह अपने आपको हर क्षेत्र में उत्कृष्ट साबित कर सकती हैं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि 34 वषोर्ं के बाद देश की नई शिक्षा नीति बनी है। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को विद्यार्थी के सवार्ंगीण विकास में सहायक बनाना है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण और नवोन्मेषी शोध को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि शोध गतिविधियों से विद्यार्थियों की आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध ऎसे होने चाहिए जो अकादमिक एवं सामाजिक दोनों दृष्टि से उपयोगी हों।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान मानव अधिकारों और कर्तव्यों का वैश्विक दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी संविधान के प्रति जागरूक रहे, इस उद्देश्य से प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनवाने की पहल की गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में पहले करें ताकि यहां के विद्यार्थी संविधान के उच्च आदशोर्ं को जीवन में उतारने की प्रेरणा प्राप्त कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थियों में चारित्रिक मूल्यों की नींव तैयार होती है। इसलिए विश्वविद्यालयी शिक्षा केवल औपचारिक भर नहीं होनी चाहिए बल्कि उससे विद्यार्थियों का व्यक्तित्व निर्माण होना चाहिए। शिक्षा से विद्यार्थियों में मौलिक सोचने की शक्ति विकसित होनी चाहिए।
विश्वविद्यालय के चौयरमेन डॉ. संदीप बख्शी ने अपने सम्बोधन में राज्यपाल मिश्र के प्रेरणादायी व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानदण्ड स्थापित करने की दिशा में सतत प्रयासरत रहने की बात कही। विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर प्रो. एच.एन. वर्मा एवं कुलपति प्रो. आर.एल. रैना ने भी दीक्षान्त समारोह में सम्बोधित किया।
राज्यपाल मिश्र ने कार्यक्रम में उपस्थितजनों के समक्ष संविधान की उद्देश्यिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन भी किया।
दीक्षान्त समारोह के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं स्नातक पाठ्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए तथा पीएचडी एवं एमफिल के विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की।