जयपुर। राजस्थान विश्वविद्लाय का एक प्रोफेसर डॉ.महिपाल यादव बुधवार को चालीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरा गया। एक पीएचडी स्कॉलर के बिल पास करवाने के एवज में संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. यादव यह रिश्वत ले रहा था। एसीबी ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। पीएचडी स्कॉलर इन्द्र कुमार मीणा के दो लाख रुपए के बिल पास करवाने के लिए डॉ. महिपाल यादव ने पचास हजार रुपए मांगे थे। इनमें से दस हजार रुपए यादव ले चुके थे। रिश्वत मांगने की शिकायत इन्द्र कुमार ने एसीबी डीजीपी को की। शिकायत सही पाए जाने पर एसीबी ने महिपाल यादव को रंगे हाथ पकडऩे की योजना बनाई। यादव ने चालीस हजार रुपए लेने के लिए इन्द्र कुमार को आज अपने आवास बुलाया था। पैसे लेकर इन्द्र कुमार विश्वविद्यालय कैम्पस स्थित घर पर पहुंचा और रिश्वत की राशि दी। इशारा मिलने पर एसीबी टीम भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन एसीबी टीम को देखकर प्रोफेसर यादव भागकर बाथरुम में गए और वहां राशि फैंक कर वापस कमरे में आ गए। टीम ने यादव की तलाशी ली तो पैसे नहीं मिले, इस पर कमरे और बाथरुम की तलाशी में राशि मिल गई। पुलिस ने राशि बरामद करके यादव को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ महीने पहले भी एसीबी ने शोध में अस्मत मांगने व स्कॉलर बिल पास करने के एवज में एक ओर प्रोफेसर को गिरफ्तार किया था।
– चपरासी ने भी लिए थे तीस हजार
इन्द्र कुमार ने एसीबी को यह भी शिकायत दी है कि पीएचडी की थीसिस लिखवाने के लिए संस्कृत विभाग के चपरासी ने हरिमोहन ने तीस हजार रुपए लिए थे। एसीबी ने हरिमोहन को हिरासत में लिया है। उससे तीस हजार रुपए के बारे में पडताल कर रही है कि उसने यह राशि किसको दी और थीसिस किसके लिखवाई गई है।

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