जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि सरकार की योजनाओं से आदिवासी समुदाय के लोगों के जीवन में खुशहाली आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की जो लड़ाई लड़ी। वनों एवं वन्यजीवों को बचाने के साथ-साथ अपनी मूल संस्कृति, परम्पराओं और धरोहरों को संरक्षित रखने में जो योगदान दिया है, उस पर हम सभी को गर्व है।
गहलोत सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंन्स के जरिए विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 166.90 करोड़ रूपए के 43 कार्याें का लोकार्पण तथा 89.28 करोड़ रूपए के 185 कार्यों का शिलान्यास किया। उन्होंने जनजाति भागीदारी योजना, सामुदायिक वनाधिकार विकास योजना तथा व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार पत्र देने के लिए तीन माह तक चलने वाले वनाधिकार अभियान का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस अभियान की मार्गदर्शिका, वनाधिकार के नए पोर्टल fra.rajasthan.gov.in तथा जनजाति विद्यार्थियोें के लिए मूल्यांकन की नई व्यवस्था की भी शुरूआत की।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी और कहा कि उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए ही हमने इस दिन प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। उन्होंने मावजी महाराज, गोविंद गुरू, मानगढ़ के शहीदों, वीर बालिका कालीबाई, नानाभाई खांट, भीखा भाई भील आदि महापुरूषों को श्रद्धापूर्वक याद किया। गहलोत ने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के महापुरूषों के योगदान, उनकी गाथाओं, धरोहरों एवं स्मारकों के संरक्षण में सरकार कोई कमी नहीं आने देगी तथा इस दिशा में पेनोरमा बनाने के काम को हाथ में लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जनजाति समुदाय, बिखरी जनजाति एवं आदिम जाति के रूप में बसे लोगाें का कल्याण सरकार की प्राथमिकता में है। जनजाति क्षेत्र के समग्र विकास के लिए इस वर्ष कुल राज्य योजना का 13.68 प्रतिशत प्रावधान जनजाति उपयोजना मद में रखा गया है। बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले में स्वीकृत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ कर दिए गए हैं। हरिदेव जोशी केनाल और भीखाभाई नहर प्रणाली के विकास रखरखाव पर 25 करोड़ रूपए दिए गए हैं। जरूरतमंद विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश के लिए अनुप्रति योजना लागू की गई है। जिसका लाभ आदिवासी वर्ग के युवाओं को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेधावी छात्राआें के लिए कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना लागू की गई है। जिसमें स्कूटी की संख्या प्रतिवर्ष 2500 से बढ़ाकर 10 हजार से अधिक कर दी गई है। साथ ही दिव्यांगों को भी स्कूटी दी जाएगी। इस प्रकार प्रतिवर्ष करीब 13 हजार स्कूटियों का वितरण होगा।
गहलोत ने आशा व्यक्त की कि जिन विकास कार्यों का लोकार्पण तथा योजनाओं का शुभारंभ आज किया गया है उनसे आदिवासी लोगों के जीवन में बदलाव आएगा और जनजातीय क्षेत्र के विकास को और गति मिलेगी। साथ ही तीन माह तक चलने वाले वनाधिकार अभियान में अधिक से अधिक पात्र लोगों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्र मिल सकेंगे।
उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासी समाज की भावनाआें को सदैव सम्मान दिया है और बजट घोषणाआें के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से इस वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में हरसंभव प्रयास किए हैं।
जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया ने टीएसपी क्षेत्र तथा जनजातीय समाज के लोगों को विकास कार्याें की सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी वर्ग की सामाजिक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित रखने के लिए संकल्पित भाव से काम कर रही है। सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आदिवासी समाज के युवा एवं बच्चे रोजगार, शिक्षा, खेल सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं।

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