जयपुर। एक माह पूर्व परिजनों से जान का खतरा बताकर हाईकोर्ट से सुरक्षा लेने वाले प्रेमी युगल में शामिल युवती ने अब पति पर जबरन शादी का आरोप लगाते हुए अपने परिजनों के साथ ही रहने की इच्छा जताई है। इस पर अदालत ने पति की ओर से दायर बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश सीतराम गुर्जर की ओर से दायर बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की पत्नी को उसके परिजनों ने बंधक बना रखा है। गत 2 अप्रैल को उन्होंने शादी की थी। उस समय भी उन्हें युवती के परिजनों से जान का खतरा था। उनकी ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर पुलिस सुरक्षा मिली थी। इस पर अदालत ने युवती को अदालत में पेश करने के आदेश दिए। युवती ने अदालत में पेश होकर डिप्टी रजिस्ट्रार को बयान दिए। जिसमें युवती ने कहा कि वह न याचिकाकर्ता को नहीं जानती है। इसके अलावा उसे नशीला पदार्थ खिलाकर जबरन शादी की गई थी। युवती ने अपने माता-पिता के साथ ही रहने की इच्छा जताई। इस पर अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए युवती को उसके परिजनों के साथ भेज दिया है।