Padmavati

जयपुर : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ‘पद्मावती’ जैसे किरदारों को ‘‘संदर्भ से हटाकर’’ पेश करना अस्वीकार्य है। उन्होंने ‘पद्मावती’ फिल्म पर विवाद के बीच यह टिप्पणी की है । विरोध प्रदर्शनों और धमकियों के कारण फिल्म की रिलीज की तारीख टाल दी गई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज ने कहा कि फिल्म में पद्मावती के किरदार का जिस तरह वर्णन किया गया है वह उनकी वीरता एवं त्याग से मेल नहीं खाता और यह स्वीकार्य नहीं हैं।

पाली जाते वक्त यहां पहुंचे गिरिराज ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी, शिवाजी, महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मी बाई और पद्मावती हमारे आदर्श हैं । उनकी असल कहानियां, फिल्मों में उनका त्याग स्वीकार्य है, लेकिन इन किरदारों को संदर्भ से हटाकर पेश करना अस्वीकार्य है ।’’ फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के पात्रों के बीच रोमांस के दृश्यों की अफवाहों के बीच कई राजपूत संगठन एवं अन्य इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं । उनका आरोप है कि यह फिल्म इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है ।

केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि क्या हिंदू धर्म को छोड़कर किसी और धर्म या समुदाय पर फिल्म बनाना और उन धर्मों को संदर्भ से हटा कर पेश करना संभव है ? उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हिंदू धर्म उदार है, इसलिए कोई इस पर फिल्म बना देता है तो कभी हिंदू देवताओं पर फिल्में बन जाती हैं । यह स्वीकार्य नहीं है ।’’ राम मंदिर के मुद्दे पर गिरिराज ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों इसे साथ मिलकर बनाएंगे, क्योंकि मुस्लिम बाबर के वंशज नहीं हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम अलग नहीं हैं । उनके और हिंदुओं के पूर्वज एक ही हैं – भगवान राम । मेरी इच्छा है कि एक ईंट हिंदू रखे और एक ईंट मुस्लिम रखे ।’’ गिरिराज ने सवाल किया कि यदि भारत में मंदिर नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा ? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अयोध्या में मंदिर की वकालत करके शिया मुस्लिमों ने पहले ही आदर्श पेश किया है और जल्द ही सुन्नी मुस्लिम भी आगे आएंगे । उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसमें कोई मुश्किल नजर नहीं आती कि हम दोनों मिलकर मंदिर बनाएंगे।’’

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