Pt. Nehru, cm Ashok Gehlot

पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के विराट व्यक्तित्व, वैज्ञानिक सोच और विजन से देश आज विकास के इस मुकाम तक पहुंच सका है। जिस आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत को हम देख रहे हैं, उसके पीछे पं. नेहरू का बड़ा योगदान है।

गहलोत बिड़ला सभागार में पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में पं. नेहरू की बड़ी भूमिका थी। वे आजादी के आंदोलनों के कारण कई साल जेल में रहे। युवा पीढ़ी को देश के प्रति उनके योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. नेहरू करीब 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। वे लोकतांत्रिक सोच और स्वस्थ आलोचना के साथ ही अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता के हिमायती थे। देश जब आजाद हुआ तब न घरों में बिजली होती थी, न स्वास्थ्य सेवाएं, न सड़कें और न ही उद्योग-धंधे। पं. नेहरू की सोच और प्रभावी नेतृत्व का ही नतीजा था कि देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ सका। देश में कल-कारखाने स्थापित हुए। बड़े-बडे़ बांध बने। आईआईटी, इसरो और एम्स जैसी संस्थाएं स्थापित हुईं।

-पं. नेहरू की विदेश नीति का लोहा पूरी दुनिया ने माना

गहलोत ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू की विदेश नीति का पूरी दुनिया लोहा मानती है। उन्होंने देश को गुट निरपेक्ष नीति और पंचशील के सिद्धांत दिए। उनकी विदेश नीति को बाद की सरकारों ने भी अपनाया, लेकिन अफसोस की बात है कि राजनीतिक लाभ के लिए कुछ फासिस्ट ताकतें सोशल मीडिया के माध्यम से पं. नेहरू जैसे महान नेता पर अंगुलियां उठा रही हैं। वे दुष्प्रचार कर वैज्ञानिक सोच और विकास के दृष्टिकोण की उनकी अनमोल विरासत को खत्म करना चाहते हैं।

-गांधी, नेहरू, पटेल, आजाद और अम्बेडकर का जीवन खजाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैसे महान नेताओं का जीवन खजाने की तरह है, जिससे पूरे देश को प्रेरणा लेनी चाहिए। देश के उत्थान में इन सभी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। युवा पीढ़ी को इन महापुरुषों की जीवनी और साहित्य को पढ़ना चाहिए ताकि उन्हें इतिहास का वास्तविक ज्ञान हो सके।

-अर्थव्यवस्था चौपट, नौकरियां जा रहीं

गहलोत ने देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में हर सेक्टर में मंदी है। अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। नौकरियां मिलना तो दूर, नौकरियां जा रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह की अर्थनीति के मॉडल का अनुसरण किया जाना चाहिए।

शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षक ही अच्छे समाज का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि पं. नेहरू का शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था। देश में शिक्षा आयोग के गठन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी। उनकी सोच के कारण देश में आईआईटी, एम्स और इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हो सके।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि देश का योजनाबद्ध विकास पं. जवाहर लाल नेहरू की महत्वपूर्ण देन है। औद्योगिक विकास के साथ ही हरित क्रांति जैसे सफल कार्यक्रम उनके विजन से ही साकार हो सके।

तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की विचारधारा में भारतीय संस्कृति की झलक है। उनकी सोच में पं. नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और डॉ. अम्बेडकर की प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना हम सबका दायित्व है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सुनील तिवाड़ी ने कहा कि आधुनिक भारत का निर्माण महात्मा गांधी और पं. नेहरू की करिश्माई जुगलबंदी से सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी प्रयोगधर्मी थे तो पं. नेहरू ने विचारों की स्वाधीनता दी। पं. नेहरू इस देश की नींव में जितने गहरे हैं, उतना ही चमकता हुआ उनके योगदान का कंगूरा है। उन्होंने कहा कि पं. नेहरू चाहते थे कि यह देश विचारक और आलोचक राष्ट्र के रूप में आगे बढे़। हमारा प्रयास होना चाहिए कि पं. नेहरू केवल यादों में नहीं हमारे इरादों में भी उतरें।

मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर प्रोफेसर बीएम शर्मा की पुस्तक ‘गांधी आश्रम‘ का विमोचन भी किया। प्रारम्भ में श्री बीएल सैनी ने स्वागत उद्बोधन दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पं. नेहरू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर डॉ. सतीश रॉय, विधायक श्री अमीन कागजी, श्री गोपाल मीणा, श्री रफीक खान, श्री लाखन सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में शिक्षक तथा युवा उपस्थित थे।

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