लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने में जनसहभागिता आवश्यक है। विधानसभा में सपा के नितिन अग्रवाल की ओर से पेश कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस पर जवाब देते हुए योगी ने कहा कि राज्य स्तर की एक बैठक के बाद वायु प्रदूषण को रोकने के बारे में दिशानिर्देश जारी किये गये हैं लेकिन प्रदूषण को रोकने में जनता की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ये प्रदूषण लगातार उपेक्षा, अवैध खनन और अवैज्ञानिक विकास का नतीजा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण एक ही दिन में खतरनाक स्तर पर नहीं पहुंच गया है। इसका पता तब लगा जब लोगों को सांस की दिक्कत होने लगी और आंखों में जलन की शिकायत हुई।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आवश्यक जरूरी कदम उठाये गये थे। प्रदूषण रोकने के लिए आगे भी प्रयास जारी रहेंगे। मामला शून्यकाल के दौरान उठाते हुए सपा विधायक ने कहा कि प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है और यह गंभीर बीमारियों की प्रमुख वजह बनता जा रहा है। आलू उत्पादकों की स्थिति को लेकर एक अन्य कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस पर मुख्यमंत्री ने स्मरण कराया कि उनकी सरकार पहली ऐसी सरकार है, जिसने आलू के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया और उत्पादकों की मदद के लिए मंडी शुल्क से छूट दी।