जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने जनसंघ के अध्यक्ष रहे पं.दीनदयाल उपाध्याय से संबंधित पन्द्रह पुस्तकों का सैट सरकारी खर्च पर जनप्रतिनिधियों को भेजने पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण वाड्.मय की कीमत प्रति सैट 6 हजार रुपए है और इसके लेखक एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेश चंद्र शर्मा हैं जो कि भाजपा के राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। इन पुस्तकों का सरकारी खर्च पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने आज अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों के सम्मुख इन पुस्तकों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि उन्हें भी ये पुस्तक डाक के जरिये प्राप्त हुई है जो कि केन्द्र सरकार ने भिजवाई है। डूडी ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय ना तो कोई स्वतंत्रता सेनानी थे और ना ही उनका राष्ट्रनिर्माण में कोई योगदान था। उनके जन्मशताब्दी वर्ष को यदि भाजपा अपने स्तर पर मनाती है तो किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन केन्द्र एवं राज्य की भाजपा सरकारें सत्ता का दुरूपयोग कर सरकारी खर्च पर उपाध्याय के विचारों को थोपना चाहती है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने सवाल किया कि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मशताब्दी वर्ष आया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने इंदिरा गांधी जो कि भारतीय लोकतंत्र की एक महान शख्सियत थीं, उनके विचार दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए कोई आयोजन नहीं किये। लेकिन इसके विपरीत पं.दीनदयाल उपाध्याय से संबंधित साहित्य के प्रसार के लिए सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि इन पुस्तकों में वर्णित सामग्री भी विवादास्पद है और इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े बिन्दुओं और राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस के महान नेताओं के योगदान को गलत रूप से प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। डूडी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं का देश की आजादी की लड़ाई और भारतीय लोकतंत्र के सशक्तिकरण में योगदान अविस्मरणीय है जिस पर आक्षेप लगाने की कोशिश राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ के लोग शुरू करते आये हैं। डूडी ने कहा कि इन पुस्तकों लेकर कांग्रेस विधायक दल अपना पुरजोर विरोध राजस्थान विधानसभा के भीतर भी सदन में दर्ज करायेगा।