जयपुर। मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना के अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण और तय मानकों के अनुरूप रंग डिजाइन और आकार वाली स्वच्छता सामग्री ही खरीदी जा सकेगी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के निर्देश पर सामुदायिक कचरा पात्र, हाथ ठेला और ट्राईसाइकिल जैसी स्वच्छता सामग्री के लिए मानक तय कर गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
राजे ने मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में की जा रही स्वच्छता सामग्री की खरीद में एकरूपता रखने तथा इस बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत जिलों में मनरेगा के कन्वर्जेंस से स्वच्छता सामग्री जैसे हाथ ठेला (पुश कार्ट), सामुदायिक कचरा पात्र, ट्राईसाइकिल आदि की खरीद की जाती है। राजे के इस निर्देश से सभी जिलों में सूखे एवं गीले कचरे के समुचित निस्तारण के उद्देश्य से की जा रही स्वच्छता सामग्री की खरीद में एकरूपता और गुणवत्ता बनाई रखी जा सकेगी। मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना राज्य की अनूठी योजना है जो राज्य सरकार, स्वच्छ भारत मिशन और मनरेगा तीनों के कन्वर्जेंस से शुरू की गई है। इसे राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को देखने के लिए उत्तर प्रदेश एवं झारखण्ड से भी अधिकारी आ रहे हैं। स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि का भुगतान भामाशाह प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष हस्तान्तरण प्रक्रिया के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में किया जा रहा है। अब तक 648 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते में जमा हो चुके हैं। पहले इस योजना में भुगतान चैक के माध्यम से होता था।