नई दिल्ली। राहुल गांधी के बयान के बाद अब भाजपा और आरएसएस ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया है तथा उनसे मांग की है कि वे अपने बयान पर माफी मांगे। राहुल गांधी को इस तरह की टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। गौरतलब है कि राहुल गांधी गुजरात में होने वाले चुनाव के चलते वहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी के तहत आज उन्होंने कहा था कि आरएसएस में कभी महिलाओं को शॉर्टस पहने देखा है । उनके इस बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मीयां और तेज हो गई है। गुजरात की पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी महिलाओं को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर माफी मांगे और अपने शब्द वापस लें। दरअसल, राहुल गांधी ने अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन महिलाओं के लेकर आरएसएस पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने महिलाओं के आरएसएस की शाखा में मौजूदगी पर सवाल उठाया था। राहुल ने अपने संबोधन में कहा, ‘बीजेपी की सोच है कि जब तक महिला चुप रहे, कुछ न बोले तब तक वह ठीक है. लेकिन जैसे ही महिला ने मुंह खोला उसे चुप करवाओ.
आरएसएस में कितनी महिलाएं हैं. कभी शाखा में महिलाओं को शॉर्ट्स में देखा है? मैंने तो नहीं देखा.’आनंदी बेन ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने गुजरात की महिलाओं का अपमान किया है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी.उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने जो बोला है कि आरएसएस की सभाओं में महिलाएं शॉर्ट्स पहनकर नहीं जातीं. मुझे इतना ही पूछना है कि क्या आपकी दृष्टी ऐसी ही है, क्या कांग्रेस की दृष्टि ऐसी ही है. क्या आप महिला के सामने ही देखते रहते हो कि उसने क्या पहना है और क्या नहीं पहना है. ये गुजरात की महिलाओं का अपमान किया है आपने. आप वो शब्द अब वापस लो, महिलाओं से माफी मांगो, नहीं तो पूरे गुजरात की महिलाएं इकट्ठी हो जाएंगी और गुजरात में रही सही सीट भी आप खो दोगे.’आनंदी बेन ने कहा, ‘मैं गुजरात की महिलाओं को यही बात बताना चाहती हूं जो आपके लिए और हमारे लिए कांग्रेस कैसी सोच रखती है. क्या हमें ये कांग्रेस से पूछकर करना होगा. कांग्रेस की सभी महिलाएं क्या उनसे पूछकर पहनती हैं या सभाओं में जाती हैं. राहुल महिलाओं के बारे में ऐसी सोच रखते हैं, ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो हैरानी होती है. ये गांधी और सरदार का गुजरात है, महिलाएं क्या पहनेंगी, क्या बोलेंगी ये उनका अधिकार है. कांग्रेस माफी मांगे. वो अपने शब्द वापस लें. गुजरात की महिलाएं संस्कारी हैं. देश की सेवा का काम करती हैं, भली हैं, गरीबों की सेवा करती हैं. कई संस्थाएं चलाती हैं जिनके माध्यम से नेतृत्व भी खड़ा करती हैं।