नई दिल्ली। गुजरात में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी अब पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं और गुजरात दौरे पर रोजना भाजपा को आड़े हाथों ले रहे हैं। साथ ही विकास पागल हो गया के नारे का अपने भाषणों में प्रयोग करके भाजपा की खूब खिंचाई भी कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अन्दर ही अन्दर मोदी सरकार से निपटने के लिए अपनी रणनीति भी तेज कर दी है और अब सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस पार्टी की सक्रियता बढ़ाने के लिए पूरजोर कोशिशों में लगे हैं। इसके के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 2019 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। राहुल गांधी अब एक अमेरिकी एजेंसी की मदद लेने जा रहे हैं जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की जीत में सोशल मीडिया पर चलाए गए कैंपेन की अहम भूमिका रही थी। अब कांग्रेस भी इसी एजेंडे पर आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है।
एक अंग्रजी अखबार की खबर के मुताबिक, कांग्रेस कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एजेंसी के संपर्क में है। यह एजेंसी इंटरनेट डेटा का विश्लेषण करके चुनावी रणनीति बनाने में मदद करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज ऐनालिटिका के सीईओ अलेग्जेंडर निक्स ने अगले लोकसभा चुनाव में यूपीए के लिए चुनावी रणनीति बनाने के सिलसिले में विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है। कंपनी ने कांग्रेस को आॅनलाइन वोटरों को साधने की रणनीति पर एक प्रेजेंटशन भी दिया है। अमेरिकी चुनाव की शुरूआत में ट्रंप को काफी कमजोर माना जा रहा था लेकिन सही रणनीति से ट्रंप चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अमेरिकी चुनाव के अलावा ब्रेजिक्ट पोल के दौरान भी ये कंपनी अपने डाटा एनालिटिक्स का करिश्मा दिखा चुकी है। ऐनालिटिका ने ब्रेग्जिट के पक्ष में कैंपेन चलाया था जिस पर ब्रिटेन की जनता ने भी मुहर लगाई. दुनियाभर की कई राजनीतिक पार्टियां इस कंपनी की मदद ले रही हैं. बता दें, राहुल गांधी अमेरिका के दो सप्ताह लंबे दौरे पर गए थे. अमेरिकी कंपनी से संपर्क भी उनके इसी दौरे का हिस्सा माना जा रहा है.पिछले 2 महीने में राहुल गांधी को ट्विटर पर 10 लाख नए लोगों ने फॉलो किया है. कुल मिलाकर आने वाले वक्त में राहुल पीएम मोदी के सामने चुनौती पेश करने की पूरी तैयारी में है।