नयी दिल्ली. संसद में पेश कैग की एक रिपोर्ट मेंयात्री और कोचिंग शुल्क पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की गई है और कहा गया है कि परिचालनात्मक लागत के आधार पर कीमत निर्धारित की जानी चाहिये ताकि घाटे की भरपाई की जा सके।
कैग ने31 मार्च, 2016 को समाप्त हुए वित्त वर्ष की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे परिचालन लागत को पूरा करने में नाकाम है और 2015-16 के दौरान उसे 36,286.33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उसने कहा कि मालवाहक सेवा के जरिए42,426.63 करोड़ रुपये का लाभ हुआ जिससे यह संकेत मिला कि इस लाभ का 85 फीसदी यात्री एवं दूसरी कोचिंग सेवाओं के परिचालन में हुए नकसान की भरपाई के लिए हुआ।