नई दिल्ली। अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल के सुसाइड नोट में छिपे राज अब जैसे-जैसे खुलते जा रहे हैं। उसी के साथ अब कई नेताओं व जजों की नींद उड़ती जा रही है। विगत दिनों मीडिया में सार्वजनिक हुए इस सुसाइड नोट में कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं सहित कुछ पूर्व और मौजूदा जजों पर भी घूसखोरी के आरोप लगाए है। गौरतलब है कि कांग्रेसी नेता व मुख्यमंत्री कालिखो पुल ने अगस्त 2016 में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। इस दौरान उनके पास एक सुसाइड नोट मिला था। जो अब राज उगलने के मामले में नेताओं के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। वर्ष 2015 में कालिखो पुल ने नबाम तुकी सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया। यही वजह रही कि करीब साढ़े चार महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने तुकी सरकार की बर्खास्तगी को असंवैधानिक करार दिया। सुसाइड नोट में कालिखो पुल ने लिखा कि सर्वोच्च अदालत का फैसला उनके पक्ष में देने के लिए कुछ दलाल सामने आए और उन्होंनें उनसे मोटी रकम मांगी। उन्होंने मुझसे और मेरे नजदीकी लोगों से कई बार संपर्क किया कि अगर मैं 86 करोड़ रुपये देता हूं तो फैसला मेरे हक में दिया जाएगा। चूंकि मैं एक आम आदमी हूं, मेरे पास न तो उस तरह पैसा है, न ही मैं ऐसा करना चाहता हूं। जिस वेबसाइट पर इस पत्र को छापा उसमें पुल की पत्नी के हवाले से दावा किया कि जजों के खिलाफ जो आरोपों हैं उनके सबूत भी मौजूद हैं। उनके खास लोगों के पास 15 जुलाई 2016 की तारीख की ऐसी रसीद हैं, जिसमें आरोपी जजों की ओर से रिश्वत लेने वाले लोगों के हस्ताक्षर भी है। इस तारीख के एक माह बाद ही पुल ने जान दे दी। वेबसाइट के अनुसार पुल ने दावा किया था कि एक जज ने 36 करोड़ लेकर गलत फैसला सुनाया दिया था। इस मामले में कालिखो पुल की पहली पत्नी दंगविम्साई पुल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को 2 पेजों का पत्र लिखा है। जिसमें आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। फिलहाल केंद्र सरकार ने इन आरोपों के मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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