जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार के लगातार प्रयासों से राजस्थान आज कौशल विकास का हब बन चुका है। लगातार तीन वर्ष से प्रदेश स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में अव्वल है। राजस्थान ही एक मात्र ऎसा राज्य है जहां निजी और सरकारी, दोनों क्षेत्रों में स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी हैं। राजे जगतपुरा में लघु उद्योग भारती द्वारा स्थापित किए जाने वाले कौशल विकास केन्द्र और जनकल्याण संस्थान के सांस्कृतिक शोध केन्द्र के भूमि पूजन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यहां स्थापित किए जाने वाला कौशल विकास केन्द्र लघु और मध्यम औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमसएमई ही किसी देश के औद्योगिक विकास का प्रमुख आधार है। रोजगार की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं तो वह लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों में हैं। ऎसे में यदि लघु उद्योग भारती जैसे संगठन हमारे नौजवानों के कौशल विकास के लिए आगे आते हैं तो अधिक युवा प्रशिक्षित होंगे और रोजगार से जुड़ पाएंगे। उन्हाेंने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था की वृहद औद्योगिक इकाइयों की प्रगति भी उस देश की लघु और मध्यम इकाइयों के विकास पर ही निर्भर करती है। राजे ने कहा कि हमने युवाओं के कौशल विकास पर जोर देने के साथ ही रोजगार के लिए स्टार्टअप पॉलिसी जारी है और हम स्टार्टअप में देश के टॉप-3 राज्यों में हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा का उपयोग करने और उन्हें स्टार्टअप से जोड़ने के लिए 500 करोड़ रूपये का भामाशाह टेक्नो फंड बनाया है। इसमें 100 करोड़ रूपये महिला उद्यमियों और 50 करोड़ रूपये ग्रीन स्टार्टअप के लिए रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनकल्याण संस्थान की ओर से स्थापित किया जाने वाला सांस्कृतिक शोध केन्द्र हमारे देश की संस्कृति, स्वच्छ परम्परा और राष्ट्रीय विचारधारा को आगे ले जाने का अच्छा माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के माध्यम से ऎतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने और बढ़ाने का काम किया है।
राजे ने इस अवसर पर दोनों संस्थाओं की विवरणिका का विमोचन किया। स्थापित किए जाने वाले कौशल विकास केन्द्र तथा सांस्कृतिक शोध केन्द्र के भावी स्वरूप का प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर लघु उद्योग भारती, जनकल्याण संस्थान तथा अन्य संस्थाओं पदाधिकारीगण भी मौजूद थे।