जयपुर। राजस्थान में लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट पर करारी हार की गाज प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पर गिरी है। अशोक परनामी का इस्तीफा मंजूर हो गया है। परनामी के दो दिन पहले ही केन्द्रीय नेतृत्व को इस्तीफा भेज दिया था। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इनका इस्तीफा भी मंजूर कर लिया है। जल्द ही पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करेगी। एकाध दिन में नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी।

केन्द्रीय नेतृत्व ने परनामी के इस्तीफे के बाद उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य भी नियुक्त कर दिया है। तीन सीटों पर हार के बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी की मजबूती और फिर से सत्ता में आने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने यह बदलाव किया गया है। पार्टी नेतृत्व नए अध्यक्ष पद पर उसे नियुक्ति करना चाहती है, जिसका प्रदेश में जनाधार हो और सभी गुटों को साध सके। जिस तरह के राजनीतिक हालात हैं, उससे लगता है कि पार्टी नेतृत्व अब संघ निष्ठ नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाएगा।

राज्य की अलवर और अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट में पार्टी की करारी हार के बाद से ही अशोक परनामी के इस्तीफे की चर्चा चल रही थी। इन हार के बाद पार्टी के अंदरखाने विरोध तेज हो गया था। कुछ नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर भी प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी, ज्ञानदेव आहूजा समेत अन्य नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व और राज्य सरकार पर हार का ठीकरा फोडते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं व जनता की सुनवाई नहीं हो रही है। केन्द्रीय नेतृत्व ने भी रिपोर्ट मंगवाई तो हार के लिए सरकार और पार्टी की नीतियों को जिम्मेदार माना। इसी के चलते अशोक परनामी को हटाया गया है। वे फरवरी, 2014 से अध्यक्ष है। परनामी के इस्तीफे के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कोटा से सांसद ओम बिड़ला प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। पीपी चौधरी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सतीश पूनिया, कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी और पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे भी दौड़ में हैं।

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