जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से 31 बजरी ब्लॉक की नीलामी के लिए गत 15 मार्च को निकाली अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना यह अधिसूचना जारी करने पर प्रमुख खान सचिव और खान निदेशक को स्वप्रेरणा से अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत नेे दोनों अफसरों से पूछा है कि उन्होंने बजरी खनन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहते हुए नीलामी का नोटिफिकेशन किस आधार पर जारी किया। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश भरत सिंह की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 82 एलओआई होल्डर के बजरी खनन करने पर रोक लगा रखी है। अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि पहले पुनर्भरण की अध्ययन रिपोर्ट पेश करें और बताए कि नदियों में नई बजरी कितनी आ रही है और उनसे कितनी बजरी निकाली जा रही है, लेकिन सरकार ने यह आंकडा अभी तक पेश नहीं किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होते हुए राज्य सरकार खनन के लिए नए ब्लॉक की नीलामी कैसे कर सकती है।
वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जिन ब्लॉक को नीलाम किया जा रहा है, वे सुप्रीम कोर्ट से रोके गए 82 ब्लॉक में शामिल नहीं है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नीलाम किए जा रहे ब्लॉक का हिस्सा 82 ब्लॉक में भी है। ऐसे में इन ब्लॉको की नीलामी की मंजूरी नहीं दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने नीलामी की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए खान विभाग के दोनों अफसरों को अवमानना नोटिस जारी किए हैं।