गवर्नर कल्याण सिंह ने दिलाई 23 मंत्रियों को शपथ
जयपुर। राजस्थान सरकार की केबिनेट सोमवार को बन गई। राजभवन में सुबह साढ़े ग्यारह बजे आयोजित समारोह में गवर्नर कल्याण सिंह ने 23 विधायकों को केबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री की शपथ दिलाई। सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट की मौजूदगी में गवर्नर कल्याण सिंह ने सभी केबिनेट मंत्री व राज्यमंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई।
केबिनेट में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व में मंत्री रहे डॉ.बीडी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादीलाल मीणा, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, राजेन्द्र यादव, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना,टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव,राजेन्द्र यादव और गठबंधन दल आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग को केबिनेट और राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम, डिप्टी सीएम समेत तमाम नेताओं, विधायकों व कार्यकर्ताओं ने मंत्रियों को बधाईयां दी। मंत्रिमण्डल गठन में अनुभवी विधायकों के साथ राजस्थान की जातिगत और क्षेत्र की राजनीति को तरहीज देने की कोशिश की गई है। मंत्रिमण्डल में सीपी जोशी, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, पंडित भंवर लाल शर्मा, महेश जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं व पूर्व मंत्रियों के नाम नहीं होने से सियासी क्षेत्र में काफी चर्चा है।
केबिनेट में भरतपुर और जयपुर से सर्वाधिक तीन-तीन मंत्री बने हैं। चौदह जिले ऐसे हैं, जहां से एक भी मंत्री नहीं बना है। बीकानेर से दो, अलवर, चूरू, चित्तौड़, जालौर, बूंदी, अजमेर, कोटा, बाड़मेर. करौली, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा व बारां से एक-एक मंत्री बनाया है।
केबिनेट में राजस्थान के जातिगत समीकरणों को भी साधा गया है। केबिनेट में सर्वाधिक मंत्री जाट समाज से चार हैं। वैश्य समाज से तीन, राजपूत, ब्राह्मण समाज से दो-दो, एसटी से तीन, एससी से चार, ओबीसी से तीन विधायक मंत्री बने हैं। वहीं गुर्जर व मुस्लिम समाज से एक-एक विधायक मंत्री है। एक महिला को मंत्री बनाया है।
– ये बड़े नेता नहीं बन पाए मंत्री
कांग्रेस सरकार के मंत्रिमण्डल में कुछ वरिष्ठ व अनुभवी विधायक मंत्री बनने से रह गए हैं। चर्चा है कि ऐसे विधायकों को संवैधानिक पद दिए जा सकते हैं। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, सरकारी सचेतक, उप सचेतक समेत अन्य संवैधानिक पदों पर वरिष्ठ विधायकों को नवाजा जा सकता है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी, परसराम मोरदिया, पंडित भंवर लाल शर्मा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, राजेंद्र पारीक, विजेंद्र ओला, महेश जोशी, राज कुमार शर्मा आदि के नाम मंत्री पद के लिए थे, लेकिन इन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। इनमें कुछ को संवेधानिक पदों पर नवाजा जा सकता है। यह भी चर्चा है कि पांच महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में कुछ विधायकों को सांसद चुनाव लड़ाया जा सकता है। ऐसे में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। सीपी जोशी, महेश जोशी, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, बृजेन्द्र ओला आदि नाम ऐसे हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव लडाया जा सकता है।
– ये 18 विधायक पहली दफा मंत्री बने
कांग्रेस सरकार के केबिनेट में 18 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं। रघु शर्मा, लालचंद कटारिया, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश. भंवर सिंह भाटी, अर्जुन बामनिया, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव और सुभाष गर्ग पहली दफा मंत्री पद से नवाजे गए हैं। लालचंद कटारिया जयपुर ग्रामीण से सांसद रहते वक्त केन्द्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं।
– ये बने केबिनेट मंत्री
कांग्रेस सरकार के मंत्रिमण्डल में दस केबिनेट बनाए गए हैं। इनमें डॉ. बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, रमेश मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास, विश्वेन्द्र सिंह, रघु शर्मा, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, हरीश चौधरी, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
-ये हैं राज्यमंत्री
केबिनेट में तेरह राज्यमंत्री बनाए गए हैं, जिनमें कुछ को स्वतंत्र प्रभार का दायित्व दिया गया है। इसमें गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, राजेन्द्र यादव और सुभाष गर्ग को राज्यमंत्री बनाया है।