जयपुर। राजस्थान की मेडिकल हिस्ट्री में नया इतिहास रचा है। राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में शुक्रवार देर रात लीवर ट्रांसप्लांट करके यह कामयाबी हासिल की है, ऑपरेशन शनिवार सुबह तक चला। राजस्थान के एसएमएस अस्पताल में पहली बार लीवर ट्रांसप्लांट हुआ है और वो भी सफलतापूर्वक। करीब तीन साल से लीवर ट्रांसप्लांट को लेकर कशमकश चल रही थी। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के खाते में शनिवार की सुबह एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। वरिष्ठ अनुभवी चिकित्सकों ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। दिल्ली एम्स से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने भी इसमें सहयोग किया। अस्पताल में एक ब्रेन डेड डोनर के परिजनों से सहमति मिलने के बाद लीवर ट्रांसप्लांट की योजना बनी। इसके लिे इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज, नई दिल्ली के डॉक्टर टीम को बुलाया। जिस मरीज के लीवर ट्रांसप्लांट किया गया, उसे आइसोलेट करके रखा गया है। ऑपरेशन के लिए विशेष तौर पर ओटी व आईसीयू तैयार किए गए। विशेष ट्रेनिंग दी गई टीम को। खास बात यह है कि लीवर ट्रांसप्लांट के डोनर और रेसिपिएंट दोनों ही लोकल जयपुर के हैं। हरमाड़ा के एक युवक की सड़क हादसे में ब्रेन डेथ होने के बाद परिजनों ने उसका लीवर और किडनी दान करके साहसिक पहल की। सहमति मिलते ही डॉक्टर्स टीम भी लीवर ट्रांसप्लांट करने के लिए जुट गई। यह लीवर जयपुर के एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया है। यह मरीज चार साल से लीवर सिरोसिस रोग से पीडि़त है और उसका उपचार चल रहा है। लीवर ट्रांसप्लांट सफल होने से मरीज की सेहत में सुधार की गुंजाइश है।