-दैनिक वेतनभोगी को नियमित नहीं करने पर सरकार पर पचास हजार का हर्जाना
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में तीस साल से दैनिक वेतनभोगी के तौर पर काम कर रही चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी को नियमित नहीं करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर पचास हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए दिए। महिला कर्मचारी की ओर से अधिवक्ता आरडी मीणा ने बताया कि महिला छोटी देवी वर्ष 1988 में महिला चिकित्सालय में दैनिक वेतनभोगी के तौर पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लगी थी।
दस साल की सेवा पूरी होने पर छोटी देवी ने नियमित करने के लिए रेट में अपील दायर की। जिसे रेट ने वर्ष 1999 में स्वीकार कर लिया। रेट के इस आदेश को राज्य सरकार की ओर से यह कहते हुए एकलपीठ में चुनौती दी गई कि छोटी देवी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए तय शैक्षणिक योग्यता नहीं रखती है। एकलपीठ ने गत वर्ष नवंबर माह में सरकार की याचिका खारिज कर छोटी देवी को नियमित करने के आदेश दिए। राज्य सरकार की ओर से एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई। जिसे खंडपीठ ने खारिज करते हुए राज्य सरकार पर पचास हजार रुपए का हर्जाना लगा दिया।