- राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बैंच ने बुधवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को भंग कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं देने में टालमटोल करने पर हाईकोर्ट ने दो दिन पहले ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक जैन को अवमानना मामले में एक माह के वेतन को दान करने के आदेश दिए थे। यह भी कहा था कि वे जिस संस्था को भी दान दे, उसकी रसीद भी लेकर आएं। जैन ने कोर्ट के समक्ष रसीद पेश की थी आज। मामले में आज सरकार ने भी जवाब पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि वैधानिक ओबीसी आयोग के गठन के लिए राज्य केबिनेट से मंजूरी हो गई है। शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा से मंजूर करवाकर ओबीसी कमीशन को वैधानिक दर्जा दे दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने ओबीसी कमीशन को भंग कर अध्यक्ष व सदस्यों का वेतन रोकने के आदेश दिए। इस मामले में समता आंदोलन समिति ने यह याचिका लगाई थी। 10 अगस्त 2015 को समता आंदोलन समिति ने यह याचिका लगाई थी। इसमें बताया कि ओबीसी आयोग को कानूनी दर्जा नहीं दे रखा है। इसे वैधानिक रुप से गठित किया जाए। ताकि मूल रुप से आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग की ईमानदारी से पहचान हो सके और जरूरतमंदों को ही आरक्षण का फ ायदा मिल सके। याचिका पर हाईकोर्ट ने चार माह में स्थायी ओबीसी कमीशन गठित करने का फैसला सुनाया। इस आदेश के बावजूद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने स्थायी कमीशन का गठन नहीं किया, उलटे एक आदेश से अस्थायी कमीशन बना दिया। कोर्ट के आदेश की अवमानना पर आरक्षण व्यवस्था में सुधार को लेकर लड़ाई लड़ रहे समता आंदोलन की ओर से अवमानना याचिका लगाई गई। कोर्ट ने फि र से 8 सप्ताह का समय दिया और स्थायी ओबीसी आयोग गठित करने को कहा। लेकिन आदेश की पालना नहीं की गई और ना ही जवाह पेश किया गया।
– एसीएस जैन ने दान की रसीद लेकर पहुंचे
हाईकोर्ट ने मामले में जवाब नहीं देने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एसीएस अशोक जैन को दो दिन पहले ही कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट में देरी इस पर कोर्ट ने उन्हें एक माह का वेतन दान करने के आदेश दिए। यह भी कहा कि वे अगली बार जब कोर्ट आएं तो दान की रसीद पेश करें। एसीएस जैन बुधवार को अपने एक माह के करीब 1.96 लाख रुपए के वेतन को दान करने की रसीद लेकर पहुंचे। यह राशि आदिनाथ फाउण्डेशन को दी है। रसीद देखने के बाद कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए ओबीसी कमीशन को भंग कर दिया। ओबीसी कमीशन में अध्यक्ष और सदस्य सचिव समेत 5 सदस्य हैं। इन पर हर महीने 7 से 8 लाख रुपए वेतन के खर्च हो रहे हैं।