जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के सतर्कता रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि वह कामां से पहाडी, डीग और नांदगांव की क्षतिग्रस्त सडक़ों का निरीक्षण कर 22 जनवरी तक अदालत में रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने कहा कि यदि सडक़े टूटी पाई गई तो अदालत टोल वसूली पर रोक लगा सकता है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश विजय मिश्रा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि पहाडी, डीग और नांदगांव से कामां को जोडने वाली सडक़े काफी क्षतिग्रस्त है। इसके बावजूद भी सरकार की ओर से इन मार्गो पर टोल टैक्स वसूल किया जाता है। जबकि वाहन चालकों का अधिकार है कि टोल चुकाने के बाद सडक़ पर एक भी गड्डा नहीं मिले। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार भी मान चुकी है कि इन सडक़ों को मरम्मत की जरूरत है, लेकिन मरम्मत होने तक टोल वसूली रोकी नहीं गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट के सतर्कता रजिस्ट्रार को सडक़ों का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।