जयपुर। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने पहली बार सरकार के निर्देशों के विपरीत 168 करोड़ रुपए यूटीआई और एसबीआई म्यूचुअल फंड में दांव पर लगा दिए हैं। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने बडा जोखिम उठाते हुए यह राशि शेयर बाजार में लगाई है। सरकार ने अभी तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ओ पी मीणा के इस कदम से हाउसिंग बोर्ड के वित्त सलाहकार (एफए) भी इस कदम से सहमत नहीं थे। बोर्ड के पास यह राशि सरप्लस सरकारी बैंकों में एफडी के तौर पर रखी हुई थी जबकि बोर्ड की बैठक में निवेश के एजेंडे को स्वीकृति नहीं दी गई थी। बोर्ड के सदस्य और यूडीएच एसीएस अशोक जैन ने इस मुद्दे पर अपनी असहमति जताते हुए म्यूचुअल फंड में निवेश से होने वाली प्राप्तियों का विवरण मांगते हुए एजेंडे को अगली बैठक तक स्थगित कर दिया था।
मीणा को निवेश करने में इतनी जल्दी थी कि एजेंडा स्वीकृत नहीं होने के बावजूद म्युचुअल फंड में निवेश कर दिया। यह मामला जब बोर्ड के वित्त अधिकारियों के पास आया तो उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी थी। वे इतना बड़ा जोखिम उठाने के पक्ष में नहीं थे लिहाजा उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष को राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही एफडी कराने के नियम बताए थे पर मीणा ने उनकी राय को दरकिनार कर दिया। वे इस राशि को म्युचुअल फंड में निवेश करने का मन बना चुके थे। उन्होंने फाइल पर लिखी टिप्पणियों को भी दरकिनार कर दिया। उन्होंने फाइल पर लिख दिया कि बोर्ड अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है लिहाजा सरप्लस राशि को यूटीआई और एसबीआई में निवेश किया जाए। इस बीच एसीएस यूडीएच अशोक जैन का कहना है कि बोर्ड मीटिंग में म्यूचुअल फंड में निवेश का एजेंडा रखा गया था लेकिन इस पर एकराय नहीं हो पाई थी। मीटिंग के बाद हाउसिंग बोर्ड ने निवेश को लेकर क्या निर्णय किया इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।
इस मामले में जब फजीहत होने लगी तो तर्क दिया गया कि जब सरकार म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकती है तो बोर्ड क्यों नहीं कर सकता। बोर्ड हमारा है निर्णय लेने का अधिकार भी हमारा है। ज्यादा रिटर्न के लिए राशि को बांड में निवेश किया है। इन बांड में पैसा सुरक्षित रहेगा। बैठक में इस मुद्दे पर स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं थी। बताया जा रहा है कि ओ.पी. मीणा के निकट रिश्तेदार यूटीआई के राजस्थान आफिस में नियुक्त है। बोर्ड अध्यक्ष ने उनके टारगेट पूरे करने और ऑब्लाइज करने के लिए इस रकम का निवेश किया है।
बाजार में रिस्क पर निर्भर है
हाउसिंग बोर्ड ने अभी तक निवेश को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है कि किस यूटीआई और एसबीआई के किस फंड में निवेश किया गया है। इन फंड का पुराना रिटर्न कितने का था। या शेयर बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक म्यूचुअल फंड हो या कोई दूसरा फंड। इसमें किया गया निवेश शेयर बाजार की रिस्क पर रहता है। शेयर मार्केट अगर बढ़त पर है तो रिटर्न ज्यादा मिलता है लेकिन मार्केट अगर नीचे है तो किया गया रिटर्न भी कम हो जाता है। ऐसे में बोर्ड का यह निवेश बाजार की रिस्क पर निर्भर है। इसके साथ कोई भी कंपनी निवेश की गई राशि के साथ अपना कमीशन अलग से लेती है। यह कमीशन निवेश की गई राशि से कम हो जाता है। ऐसे में बोर्ड की इतनी बड़ी राशि को बाजार की जोखिम पर छोड़ दिया गया है। इस पूरे मामले में बोर्ड के वित्त अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। वे यह तो मानते है कि बोर्ड अध्यक्ष ने बहुत बड़ा जोखिम लिया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था पर अधिकारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

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