जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस का रिजल्ट घोषित कर दिया है। हनुमानगढ़ की राधिका बंसल ने टॉप किया है। डेंटिस्ट परमा चौधरी ने तीसरी रैंक हासिल की। आरजेएस रिजल्ट के टॉप-10 अभ्यर्थियों में 9 बेटियां शामिल हैं। ओबीसी (नॉन क्रीमीलेयर) कैटेगरी के तनुराग सिंह चौहान ने 187.5 अकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। आरजेएस भर्ती में 222 कैंडिडेट पास हुए हैं। इनमें जनरल कैटेगरी में 92 कैंडिडेट, एससी कैटेगरी में 35, एसटी कैटेगरी में 24, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 21, ओबीसी-एमबीसी (नॉन क्रीमीलेयर) कैटेगरी में 45, एमबीसी (नॉन क्रीमी लेयर) कैटेगरी में 5 कैंडिडेट पास हुए हैं। आरजेएस मुख्य परीक्षा-2024 के करीब 99 अभ्यर्थियों ने रिजल्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने आरजेएस मुख्य परीक्षा 31 अगस्त और 1 सितंबर को आयोजित करवाई थी। इसमें करीब 3500 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। हाईकोर्ट ने परीक्षा का परिणाम 1 अक्टूबर को जारी करते हुए इनमें से 638 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल किया। जिन अभ्यर्थियों को असफल घोषित किया गया, उनमें से अधिकतर अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके अंग्रेजी के पेपर में 0 से 10 नंबर ही दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट से जवाब मांगा और याचिकाकर्ताओं की आंसर शीट तलब की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जिन याचिकाकर्ताओं के अंग्रेजी विषय के पेपर में जीरो से 15 नंबर आए हैं। उन सभी की आंसर शीट सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाए। 21 अक्टूबर को एक बार फिर मामले में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट से उन अभ्यर्थियों के लॉ पेपर के नंबर मांगे, जिनके अंग्रेजी निबंध के पेपर में जीरो से 15 नंबर आए हैं। लॉ फील्ड के एक्सपर्ट सागर जोशी ने बताया कि इस बार एग्जाम में बड़ी संख्या में लड़कियों का चयन हुआ है। न्यायपालिका के लिए और कानूनी शिक्षा के लिए एक शुभ संकेत है। चूरू की परमा चौधरी ने (38) पहले प्रयास में बिना कोचिंग किए आरजेएस में तीसरी रैंक हासिल की।बहू के जज बनने की सूचना मिलने पर परिवार के लोग खुशी से झूम उठे। परमा चौधरी ने बताया कि 2010 में बीडीएस की थी। इसके बाद डेंटिस्ट बनकर आमजन की सेवा की। 2012 में परमा की चूरू के सुमित चौधरी से शादी हुई। इसके बाद भी परमा चौधरी ने अपनी डॉक्टरी का पेशा जारी रखा। अपने पति, ससुर और ताऊ ससुर की प्रेरणा से शादी के बाद साल 2020 में चूरू के लॉ कॉलेज से एलएलबी की। बीकानेर की देवयानी शर्मा ने पहले अटेम्प्ट में आरजेएस परीक्षा पास की है। उनकी 26वीं रैंक आई हैं। देवयानी के पिता की लैब है, वहीं माताज गृहणी हैं। पाली की अक्षिता जैन की 123वीं रैंक आई हैं। उन्होंने चौथे अटेम्प्ट में यह एग्जाम पास किया। उनके पिता कपड़ों के कमीशन एजेंट हैं। वहीं माता गृहणी हैं। रिजल्ट आते ही अक्षिता को परिजनों और आस-पड़ोस के लोगों ने बधाइयां दी। पुष्कर निवासी भागचंद पवार ने 42वीं रैंक हासिल की हैं। भागचंद ने पांच महीने पहले जेएलओ के रिजल्ट में 39वीं रैंक हासिल की थी। भागचंद पुष्कर के पास गांव बासेली के रहने वाले हैं। उनके पिता सब्जी विक्रेता हैं। भागचंद पिछले 9 साल से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। कपासन की प्रियंका बैरवा ने 204वीं रैंक हासिल की हैं। प्रियंका के परीक्षा में 139 नंबर आए हैं। प्रियंका बैरवा जुलाई में ही जूनियर लीगल ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुई थी। प्रियंका ने एलएलबी साल 2021 में उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से की है। सवाई माधोपुर की श्रेया गोयल की 11वीं रैंक आई हैं। श्रेया के पिता रिटायर्ड सरकारी टीचर हैं। वहीं मंजू रानी गोयल वाइस प्रिंसिपल हैं। श्रेया ने 2018 में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से BA LLB की थी। इसके बाद से ही वे आरजेएस की तैयारी में लगी थी। रिजल्ट आने के बाद श्रेया ने अपनी मां के साथ डांस किया। जयपुर के लक्ष्य सोनी की आरजेएस में 22वीं रैंक आई है। परिवार के लोग मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं।