जयपुर। राजस्थान की भाजपा सरकार में मंत्रिमण्डल कभी भी हो सकता है। रामनवमी से पहले मंत्रिमण्डल में फेरबदल की संभावनाएं जताई जा रही है। फेरबदल में अजमेर, अलवर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशियों की करारी हार की छाया रहेगी, साथ ही उन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, जिनकी कार्यशैली के चलते सरकार को बार-बार कठघरे में खड़ा होना पड़ रहा है और शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। चर्चा है कि पार्टी ने हाल ही तीस नेताओं की एक सूची तैयार की है, जो जमीनी हकीकत तलाशने के लिए सभी जिलों के दौरे करेंगे और वहां की फीडबैक रिपोर्ट पार्टी को देंगे। इन नेताओं में कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के नाम नदारद है। ये वे नाम है, जिनका मंत्रिमण्डल फेरबदल में भी बदले जाने या छुट्टी होने की चर्चा की जा रही है।
सियासी क्षेत्रों में चर्चा है कि इनका नाम दौरे में नाम इसलिए शामिल नहीं किया है कि पहले से ही कार्यकर्ता इनसे नाराज है। अगर इन्हें भेजा गया तो गलत मैसेज जाएगा। यह भी चर्चा है कि जब हटाना ही तो इन्हें क्यों दौरे पर भेजा जाए। हालांकि कोई यह पुष्टि नहीं कर रहा है कि इन्हें बदलने के लिए इनका नाम दौरे की सूची में शामिल नहीं किया है। दौरे की सूची में हाल ही कॉलेज मान्यता आॅडियो वायरल से चर्चा में आए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, वन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, अलवर लोकसभा सीट से हारे श्रममंत्री जसवंत यादव, मोटर गैराज मंत्री हेमसिंह भडाना, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक का नाम नहीं है।
इनके नामों की चर्चा मंत्रिमण्डल फेरबदल में सर्वाधिक है। चर्चा है कि या तो इनके विभाग बदल दिए जाएंगे या इनकी छुट्टी भी हो सकती है। सूची में वरिष्ठ नेता व केबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा, सुरेन्द्र गोयल, श्रीचन्द्र कृपलानी का भी नाम नहीं है। खैर यह तो वक्त ही बताएगा कि किसके सिर पर ताज रहेगा और किसके सिर से हटेगा। लेकिन यह तय है कि फेरबदल में कुछ बड़े नेताओं का ताज छीनना तय माना जा रहा है।