– मेगा जॉब फेयर में दी जा चुकी 1.50 लाख नौकरियां
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के सृजन में राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। राज्य सरकार द्वारा लगभग डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी है, लगभग इतनी ही प्रक्रियाधीन है। साथ ही, एक लाख नई सरकारी भर्तियों की घोषणा बजट में की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी युवाओं को वृहद् स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश भर में मेगा जॉब फेयर आयोजित किए जा रहे हैं। गहलोत शुक्रवार को अजमेर में आयोजित मेगा जॉब फेयर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में बड़ी आबादी युवाओं की है एवं इनको रोजगार देना सरकारों की मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि राजस्थान के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है एवं इनको रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश भर में 100 मेगा जॉब फेयर आयोजित करने की घोषणा बजट में की गई है। उन्होंने कहा कि मेगा जॉब फेयर तभी कामयाब होंगे जब बड़े उद्योग और निवेशक प्रदेश में आएंगे। राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं से निवेश हेतु प्रदेश में उपयुक्त माहौल तैयार हुआ है एवं बड़ी संख्या में निवेशक प्रदेश की ओर आकर्षित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए 24 अप्रैल से प्रदेश भर में महंगाई राहत शिविर आयोजित होंगे। इन शिविरों के माध्यम से आमजन को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे महंगाई राहत शिविरों में राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने हेतु पंजीकरण करवाएं। साथ ही उन्होंने इन कैंपों में सोशल वर्क करने का भी लोगों से आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन 2030 के तहत राजस्थान को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाना राज्य सरकार का ध्येय है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्य सरकार के लिए मुख्य प्राथमिकताएं है। पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में 303 नए महाविद्यालय खोले गए हैं। इनमें 130 बालिका महाविद्यालय भी शामिल है। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत 30,000 विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग का प्रावधान किया गया है। वहीं, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत 500 युवाओं को विदेश में निःशुल्क पढ़ाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत आठवीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है जबकि राजस्थान में बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। गहलोत ने कहा कि राज्य में बजट का 7 फ़ीसदी हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य के लिए 22 हजार करोड़ रूपए का बजट रखा गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा, सूचना एवं शिक्षा के अधिकार की तर्ज पर प्रदेश में राइट टू हेल्थ कानून लागू किया गया है, जो प्रत्येक व्यक्ति को उपचार की गारंटी देता है। ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। उन्होने कहा कि आगामी दिनों में 150 करोड़ की लागत से राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। इससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नौकरी पाने वाले युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की। इस दौरान मेगा जॉब फेयर के माध्यम से बड़े पैकेज पाने वाले युवाओं ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित कंपनियों व कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग के बीच मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एमओयू हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्ट्रीट वेंडर महिलाओं को 50-50 हजार राशि के चेक भी प्रदान किए। कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी देश में बड़ी समस्या है। प्रदेश में युवाओं को मेगा जॉब फेयर के आयोजन से राहत मिल रही है। अजमेर मेगा जॉब फेयर से पहले आयोजित 5 मेगा जॉब फेयर से करीब 21,000 युवाओं को नियुक्ति मिली है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में सर्वाधिक नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से रोजगार के अवसर बड़े स्तर पर खुलेंगे।
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