जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान ने गवर्नेन्स के क्षेत्र में देश के बड़े राज्यों में प्रथम स्थान हासिल किया है। एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान की ओर से ’स्टेट ऑफ स्टेट्स कॉन्क्लेव 2019’ में राजस्थान को ’बेस्ट परर्फोमिंग बिग स्टेट इन गर्वेनेन्स’ घोषित किया गया है।
गहलोत ने शुक्रवार को दिल्ली के आईटीसी मौर्या शेरेटन होटल में आयोजित कॉन्क्लेव के दौरान केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अवार्ड ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव में कहा कि राजस्थान सुशासन के क्षेत्र में हमेशा ही अग्रणी राज्य रहा है। हमारी सरकार ने देश में सबसे पहले ’सूचना का अधिकार’ कानून लागू किया, जिसे बाद में केन्द्र सरकार ने पूरे देश के लिए कानून बनाकर लागू किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान की जनता को ’सुनवाई का अधिकार’ दिया है, जिसके माध्यम से सभी जिम्मेदार अधिकारी आम आदमी की बात सुनने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं।
श्री गहलोत ने कहा कि ’मॉब लिंचिंग’ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने सख्त कानून बनाया है। यह कानून भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति पर गैर-कानूनी तरीके से हमले की घटनाओं को रोकने में कारगर सिद्ध होगा। इसी प्रकार ’ऑनर किलिंग’ के खिलाफ भी राजस्थान सरकार ने सख्त कानून बनाया है, जिससे लोगों के अपनी मर्जी से जीने के अधिकार और जाति या धर्म के आधार पर सामाजिक भेदभाव को रोकने को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों के लिए ’स्वास्थ्य के अधिकार’ की पैरवी करते हुए इसे भी कानूनी रूप देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकारों को ये प्रयास करने चाहिए कि हर एक आम नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने लगभग एक दशक पहले निःशुल्क दवा एवं जांच योजनाओं के रूप में इस दिशा में कदम बढ़ाए थे, जिनको विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार तथा विभिन्न प्रदेशों की सरकारों की सराहना मिली।
उल्लेखनीय है कि गर्वेंनेन्स के क्षेत्र में इस रैंकिंग के लिए विधायकों के आपराधिक रिकॉर्ड, पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी, पंचायतीराज संस्थाओं के लिए अधिकारों के वितरण, नागरिकों और पंचायतों के लिए ई-सेवाओं की उपलब्धता, इज ऑफ डूंइग बिजनेस और विभिन्न सेवाओं के डिजिटलीकरण की स्थिति आदि विषयों में राज्य के प्रदर्शन को आधार बनाया गया है।