मुख्यमंत्री ने की सोलर एवं विंड एनर्जी सेक्टर की समीक्षा
जयपुर, 3 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार राजस्थान को सोलर एनर्जी का हब बनाएगी। इसके लिए ऎसी बेहतर नीति लाई जाएगी जो प्रदेश हित में होने के साथ-साथ आम उपभोक्ता के लिए भी लाभकारी हो।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के विकास को लेकर बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान सौर तथा पवन ऊर्जा के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से, आने वाले पांच साल में दस हजार मेगावाट अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी प्रयास किए जाएंगे। इस दिशा में राज्य सरकार नई सौर तथा पवन ऊर्जा नीति लाने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नई नीति में ऎसे प्रावधान करें जिससे, राजस्थान में कम समय में अधिकाधिक सोलर प्लांट विकसित हों और सोलर पाक्र्स के लिए नया निवेश आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विद्युत प्रसारण का मजबूत तंत्र तैयार हो रहा है। करीब एक लाख 25 हजार हैक्टेयर सरकारी भूमि की उपलब्धता, सर्वाधिक सोलर रेडिएशन तथा बुनियादी ढांचा विकसित होने के कारण निवेशकों के लिए राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन का सबसे बेहतर डेस्टीनेशन है।
-नई पॉलिसी से मिलेगा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा
राजस्थान अक्षय ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री अजिताभ शर्मा ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि नई पॉलिसी लाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यसमूह का गठन कर दिया गया है। जिसमें सभी पहलुओं पर विचार-मंथन कर जल्द ही नई सौर एवं पवन ऊर्जा नीति तथा हाईब्रिड पॉलिसी लाई जाएगी। इससे राजस्थान में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण रहित ग्रीन एनर्जी उपलब्ध होगी। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री बीडी कल्ला, प्रमुख सचिव राजस्व श्री संजय मल्होत्रा, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री नरेशपाल गंगवार, आरवीपीएनएल के सीएमडी श्री कुंजीलाल मीणा, आरवीयूएनएल के सीएमडी श्री पी रमेश, आरआरईसीएल के एमडी श्री अनिल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।