जयपुर। हाईकोर्ट में मंगलवार को जयपुर डिस्कॉम द्वारा उपभोक्ताओं को बिजली का बिल स्पॉट बिलिंग के जरिए जारी करने के मामले में सरकार ने जवाब वापस ले लिया। सरकार 10 अक्टूबर को मामले में दुबारा जवाब देगा। तरुण टांक की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार-जेवीवीएनएल ने जवाब पेश किए। राज्य सरकार ने जवाब में कहा कि स्पॉट बिलिंग का निर्णय जेवीवीएनएल का है और सरकार उसके लिए जिम्मेदार नहीं है। प्रार्थी के वकील ने आपत्ति करते हुए कहा कि जेवीवीएनएल के एक्सईएन ने ही सरकार की ओर से जवाब दिया है जो गलत है।
सरकार खुद जवाब दे। गौरतलब है कि बिजली के बिलों के लिए फिर से मंहगी स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश इन्द्गजीतसिंह की खंडपीठ ने टेंडर प्रक्रिया जारी रखने की छूट देते हुए टेंडर आवंटन पर रोक लगा दी थी। इस नई योजना को लेकर दायर जनहित याचिका में कहा कि बिजली कंपनी पहले बिल जारी करने के लिए स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था अपनाती थी, लेकिन कुछ महिनों बाद ही 2011 में इसे समाप्त कर फोटो बिलिंग की व्यवस्था कर दी। जिससे बिजली कर्मचारी मीटर की फोटो लेकर कंपनी में भेजता था और वहां संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर होकर बिल उपभोक्ता को जारी किया जाता था। यह योजना स्पॉट बिलिंग के मुकाबले 18 रुपए प्रति बिल सस्ती भी पड़ती थी। इसके बावजूद कंपनी की ओर से अब पुन: स्पॉट बिलिंग योजना शुरू की जा रही है। जिससे बिल की गणना करने में पारदर्शिता नहीं रहेगी और फोटो बिलिंग योजना के मुकाबले स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था महंगी भी रहेगी।