पैरा-ओलम्पिक में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले राजस्थान के देवेन्द्र झाझडिय़ां को राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड
जयपुर। राजस्थान के पैरा ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेन्द्र झाझडिय़ां को राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के लिए चुना गया है। देवेन्द्र को संयुक्त रुप से पूर्व हॉकी के कप्तान सरदार सिंह के साथ यह अवाडऱ् दिया जाएगा। झाझडिय़ा ने 2016 में रियो ओलम्पिक में जेवेलियन थ्रोअर में गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 2004 में भी देवेन्द्र झाझडिय़ा ने समर ओलम्पिक में गोल्ड मेडल मिला था। वे भारत के पहले खिलाड़ी हैं, जो दो बार पैरा ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। केन्द्र सरकार ने आज गुरुवार को इन्हें अवार्ड देने की घोषणा की गई, जिसमें सत्रह खिलाडिय़ों को खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा हुई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 अगस्त को देवेन्द्र समेत अन्य को अवार्ड देकर सम्मानित करेंगे।
– बिजली तार छूने से काटना पड़ा था एक हाथ
देवेन्द्र झाझडिय़ा राजस्थान के चुरु जिले की राजगढ़ तहसील के है। उनके पिता का नाम राम सिंह व माता का नाम जीवनी देवी है। जब वे आठ साल के थे तब पेड़ से फल तोड़ते समय उनका हाथ बिजली के तार को छू गया, इससे उनका बायां हाथ झुलस गया और डॉक्टर्स ने उनका हाथ कोहनी तक काटना पड़ा। हाथ कटने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जेवेलियन थ्रोअर खेल को अपना साथी बना लिया। खेत-खलिहान में जेवेलियन थ्रोअर की प्रेक्टिस की और पहले राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया। 2004 में समर ओलम्पिक में देवेन्द्र झाझडिय़ा ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलवाया। 2016 में रियो ओलम्पिक में भी स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
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