जयपुर । 1994 में हुए राजेन्द्ग मिर्धा अपहरण कांड कÞ आरोपी एवं खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का आतंकी दया सिंह लाहोरिया को स्थाई पैरोल देने कÞ लिए राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्गाजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने पैरोल कमेटी को अगली बैठक में विचार करने और कारणों सहित आदेश पारित करने कÞ निर्देश दिए है। हाईकोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि यदि याची को स्थाई पैरोल मिल जाता है तो प्रकरण समा’ हो जाएगा और आवेदन खारिज होने पर वह कानूनी उपचार लेने के लिए स्वतंत्र होगा।]
मामले के अनुसार आतंकी देवेंद्रपाल सिंह भुल्लर को जेल से छुड़वाने के लिए दया सिंह लाहोरिया ने नवनीत कांदिया, हरनेक सिंह सहित अन्य ने मिलकर कांग्रेस नेता रामनिवास मिर्धा के पुत्र राजेन्द्र मिर्धा का अपहरण किया था। मालवीय नगर में हुई पुलिस मुठभेड़ कÞ दौरान आतंकी कांदिया की मौत हो गई थी तथा लाहोरिया अपनी पत्नी सुमन कÞ साथ फरार होकर अमेरिका पहुंच गया था। भारत सरकार ने 1997 में प्रत्यर्पण कÞ जरिए लाहोरिया को भारत लेकर आई थी। जयपुर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दया सिंह लाहोरिया को 2004 में आजीवन कारावास एवं पत्नी सुमन को 7 साल जेल की सजा सुनाई थी। 2017 में आरोपी हरनेक सिंह को एडीजे-3 प्रमोद कुमार मलिक ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।