नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या के पीछे व्यापक साजिश की केन्द्रीय जांच ब्यूरो की जांच में बहुत अधिक प्रगति नजर नहीं आती है।शीर्ष अदालत ने जांच ब्यूरो द्वारा उसके समक्ष दायर रिपोर्ट का जिक्र करते हुये टिप्पणी की कि बहुपक्षीय निगरानी एजेन्सी की जांच ‘अंतहीन’ हो सकती है।इस एजेन्सी की कमान जांच ब्यूरो के अधिकारी के पास है और इसमें गुप्तचर ब्यूरो, रॉ और राजस्व गुप्तचर तथा अन्य एजेन्सियां शामिल हैं।न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने कहा कि यह एजेन्सी व्यापक साजिश के पहलू की जांच कर रही है। जांच ब्यूरो की रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि इसमें अधिक प्रगति हुयी है। अत: यह जांच तो अंतहीन जा सकती है।’’ शीर्ष अदालत ने राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी की याचिका में केन्द्र को भी एक पक्षकार बनाया है।पीठ इस मामले में अब 24 जनवरी को सुनवाई करेगी।
न्यायलाय ने 14 नवंबर को दोषी ए. जी. पतरारीवलन की याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। इस दोषी ने राजीव गांधी और कई अन्य के मारे जाने में प्रयुक्त् बेल्ट बम बनाने के पीछे की साजिश के बारे में सीबीआई की जांच पूरी होने तक उसकी सजा निलंबित की जाये।न्यायलय ने केन्द्र से पेरारिवलन की याचिका पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने के लिये कहा है। इस दोषी की मौत की सजा को उच्चतम न्यायालय ने बाद में उम्र कैद की सजा में तब्दील कर दिया था।