जयपुर। पद्मावती फिल्म को लेकर पहले से ही आंदोलित राजस्थान का राजपूत समाज फिर से राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर आ सकता है। राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पीठ में आनन्दपाल की पत्नी राज कंवर की ओर से दायर याचिका में सीबीआई ने जवाब दिया है कि आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में सीबीआई अ्ननुसंधान नहीं करेगी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से दो प्राथमिकी भिजवाकर सीबीआई जांच की अनुशंषा की थी, लेकिन सीबीआई को यह मामला रेयरेस्ट नहीं लगा है। इसलिए इसके अनुसंधान से इंकार कर दिया है। सीबीआई के स्पेशल एडवोकेट सचिन आचार्य ने यह जवाब लिखित में दिया है। सीबीआई के इस जवाब के बाद राजपूत समाज में गुस्सा है। पद्मावती फिल्म पर बैन लगाने को लेकर राजपूत समाज पहले से ही प्रदेश में धरने-प्रदर्शन कर रहा है। आनन्दपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच को लेकर राजपूत समाज ने लंबा आंदोलन चलाया था।
करीब तीन सप्ताह तक राजपूत समाज ने आंदोलन चलाया। तब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए और केन्द्र सरकार को अनुशंषा भेजी थी, लेकिन अब सीबीआई के इंकार कर देने से राजपूत समाज के आंदोलन और अगुवा राजपूत नेताओं की मुहिम को धक्का लगा है। इस जवाब के बाद राजपूत संगठनों ने पद्मावती के साथ इस मामले में भी आंदोलन करने पर विचार शुरू कर दिया है। राजपूत करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह कालवी, श्री राजपूत करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना और श्री करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि सीबीआई के जवाब से समाज को धक्का लगा है। एक दिसम्बर को देशव्यापी बंद के बाद आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में भी आंदोलन पर विचार किया जाएगा। साथ ही सरकार को चेताया जाएगा कि अगर एनकाउंटर में सीबीआई जांच की घोषणा नहीं की गई तो राजपूत समाज फिर से सड़क पर उतरेगा। इन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि सरकार और सीबीआई वादाखिलाफी कर रही है। अजमेर, अलवर और मांडलगढ़ उपचुनाव में भाजपा को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इन क्षेत्रों में राजपूत समाज जनजागरण रैली करेगी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने राजकंवर की याचिका को निस्तारित किया है। राजकंवर ने पति आनन्दपाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच की गुहार की थी। सीबीआई ने जांच से साफ इंकार कर दिया है। सरकार ने भी जवाब दिया कि एसओजी और पुलिस ने इस मामले में सही अनुसंधान किया है। सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है।