जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मेरे ऊपर लोकपूज्य बाबा रामदेव का आशीर्वाद है। मैंने जब भी प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के लिए बाबा से कुछ मांगा तो मुझे कभी खाली हाथ नहीं रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव की कृपा से आज न केवल पश्चिमी राजस्थान वरन पूरा प्रदेश फल-फूल रहा है।
यह बात सीएम राजे ने रविवार को रामदेवरा में लोकदेवता बाबा रामदेव पेनोरमा का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि रामसापीर के आशीर्वाद से पश्चिमी राजस्थान में तेल के विपुल भण्डार मिले। उन्हीं के आशीर्वाद से प्रदेश में देश की पहली रिफाइनरी-कम- पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स लगने जा रहा है। साथ ही लाइमस्टोन और ग्रेनाइट की खदानें भी मिली हैं। बाबा के पेनोरमा के दर्शन कर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु उनके जीवन से प्रेरणा ले सकेंगे। हमारी नई पीढ़ी धार्मिक महत्व के आस्था केन्द्रों में जाये और यहां की संस्कृति को समझे। इसी उद्देश्य से सरकार ने लोक देवताओं तथा महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को पूरे विश्व में विख्यात करने के लिये पेनोरमा निर्माण का काम हाथ में लिया है। जोधपुर से रामदेवरा तक पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 209 किमी पदमार्ग में से जोधपुर शहर में 5 किमी. तथा शेष मार्ग में से 19 किमी. को छोड़कर कच्चा पैदल मार्ग पूरा बन गया है।
-मिलेंगे 5 हॉर्स पावर के कनेक्शन
सीएम राजे ने कहा कि क्षेत्र में मुख्य नहर के दोनों तरफ एक किलोमीटर तक 5 हॉर्स पावर क्षमता वाले विद्युत कनेक्शन अगले 3 वर्ष तक प्राथमिकता के आधार पर जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए डिमांड नोट की कार्यवाही जल्द ही की जायेगी। इस अवसर पर राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधीकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने प्रदेश में धार्मिक स्थलों एवं आस्था केन्द्रों के विकास के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इससे पूर्व सीएम ने बाबा रामदेव पेनोरमा की शिलापटिट्का का अनावरण कर पेनोरमा का लोकार्पण किया और पौधा लगाया। साथ ही अवलोकन कर मूर्तियों, पेन्टिंग्स में वर्णित बाबा की जीवनी, प्रेरणादायी प्रसंग और गौरवशाली गाथा के बारे में जानकारी ली।
–पूजा अर्चना कर मांगी खुशहाली की कामना
सीएम ने जैसलमेर यात्रा के दौरान रामदेवरा में लोक देवता बाबा रामदेव की पूजा अर्चना की। उन्होंने बाबा की समाधि के दर्शन किए और देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने मन्दिर परिसर में स्थित कचहरी में भी शीश नवाया तो बाबा की अनन्य भक्त डालीबाई के मन्दिर में भी दर्शन कर चुनरी चढ़ाई। इस मौके पर प्रशासनिक एवं मंदिर समिति के अधिकारियों को सरोवर की नियमित सफाई के निर्देश दिए।