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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान वो प्रदेश है जहां के सैनिकों ने अपनी जान देकर देश की सुरक्षा को आंच तक नहीं आने दी। मुझे ऐसे प्रदेश की मुख्यमंत्री होने पर गवज़् है जहां मातृ भूमि की रक्षा की खातिर जान की बाजी लगाने वाले सैनिक पैदा होते हैं। राजे को करगिल विजय दिवस के अवसर पर होटल क्लाक्र्स आमेर में आयोजित राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम में सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के जवानों ने करगिल की चोटी पर विजयी तिरंगा फहराया था। प्रदेश ही नहीं पूरे देश को इस पर गर्व है। राजस्थान की मिट्टी ही ऐसी है कि यहां रणबांकुरे पैदा होते हैं। यहां की विरांगनाएं पति की शहादत के बाद अपने बेटे को भी सैनिक बनाकर सीमा पर भेजने और उसमें देश भक्ति का भाव भरने में हमेशा आगे रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री के रूप में उन्हें शहीद जवानों के घर जाने और उनकी वीरांगनाओं के दर्द को समझने का पुनीत अवसर मिला। उन्होंने कहा कि राजस्थान के हर जिले में जाने का उन्हें मौका मिला जहां के जांबाजों ने देश के लिए शहादत दी थी। हमारे जवानों की शहादत को देश ने पूरा सम्मान दिया ताकि उनके परिजनों को यह अहसास रहे कि सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं गई है।

राजे ने कहा कि हमारी सरकार पूरे प्रदेश में शहीद यात्रा के माध्यम से शहीदों के घर-घर जाकर उनके दुख-दर्द सुन रही है उन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहीद यात्रा जिस घर तक पहुंचती है वहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद परिजनों को शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने करगिल के हीरो नायक दिगेन्द्र कुमार, जांबाज अरशद अली, इकराज नबी की बहादुरी को सलाम किया और कार्यक्रम में उपस्थित करगिल शहीदों के परिजनों को भी प्रणाम किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से डटकर मुकाबला करने वाले सीआरपीएफ के जांबाज चेतन चीता की बहादुरी की भी मिसाल दी। राजे ने करगिल के शहीदों की विरांगनाओं का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।

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