जयपुर। 5 साल की मासूम को पैसे देने व चीज दिलाने के बहाने घर के बाहर ख्ोलते हुए को जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने के अपराध में 7 नवम्बर, 2०13 को गिरफ्तार हुए सगे चाचा विजय कुमार उपाध्याय (28) निवासी यूपी को पोस्को कोर्ट ने घर्णित अपराध बताते हुए आजीवन कारावास (श्ोष प्राकृत-जीवनकाल के लिए) व एक लाख 2० हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इस संबंध में पीड़िता की मां ने 31 अक्टूबर, 2०13 को करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह 3 बच्चों के साथ मकान में किराए से रहती है। 3 माह पूर्व पति की कैंसर से मौत हो गई। सुबह 9 बजे वह काम पर गई थी। 1०.3० बजे पडौसी ने फोन किया कि 5 वर्षीय सबसे छोटी बेटी को एक आदमी मोटर साइकिल पर उठा कर ले गया। बाद में तलाश करने पर दोपहर 3 बजे मासूम मुहाना रोड पर जयसिंहपुरा के जंगल में लहूलुहान पड़ी मिली। कांवटिया से उसे जेके लोन अस्पताल में रैफर किया गया। मासूम ने कहा था कि टॉफी-बिस्किट दिलाने के बहाने विजय चाचा लेकर गए थ्ो। बयान को पुलिस ने मोबाईल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था। अदालत में मासूम पक्षद्रोही घोषित हो गई।
जिरह में उसने ना कहते हुए गर्दन हिला कर याद नहीं होना कहा। कोर्ट ने इसका दूसरा अर्थ लगाते हुए आदेश में कहा कि मासूम ने घटना से इन्कार भी नहीं किया है। पुलिस के धारा 164 में बयान नहीं कराने पर कोर्ट ने कहा कि 2०13 के एक्ट में संशोधन के बाद बयान कराए जाने अनिवार्य थ्ो। प्रथम जांच अधिकारी रहे एसएचओ शीशराम कोर्ट के बार-बार बुलाने पर भी अदालत में हाजिर ही नहीं हुआ, जिससे वह परीक्षित नहीं हो सका। मुल्जिम ने पहले कहा था कि वह काम पर गया था। 5 दिन बाद कहा कि घर पर ही था। मौके पर मिली मिट्टी तथा अभियुक्त के कपड़ों पर मिली मिट्टी को एफएसएल ने एक समान बताई है। पत्नी अमरावती ने भी पति को बचाने के लिए झूठे बयान दिए, लेकिन कोर्ट ने स्वीकार नहीं किए। अभियुक्त के भी एक लड़का और एक लड़की है।