जयपुर। ग्राहकों से पैसा लेकर भी तय समय पर मकान नहीं देने वाले और टिकाऊ मकान नहीं देने वाले बिल्डरों व रियल एस्टेट कंपनियों की खैर नहीं है। मकान का सपना देखने वाले लोगों से धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों व रियल स्टेट कंपनियों की गलत कारगुजारियों पर लगाम लगाने के लिए संसद से पारित रेरा एक्ट एक मई से लागू हो जाएगा। इस एक्ट के लागू होने के बाद अब ना केवल ग्राहकों की सुरक्षा होगी, बल्कि तय समय पर मकान नहीं देने वाले बिल्डरों व कंपनियों पर आपराधिक कार्रवाई भी हो सकेंगी, साथ ही ग्राहकों ब्याज समेत उनका पैसा भी दिलाया जा सकेगा। एक मई रियल एस्टेट: रेग्युलेशन एण्ड डवलपमेंट एक्ट 2016 (रेरा)देश में लागू कर दिया है। अब हर राज्य और केन्द्र शासित राज्यों को खुद का रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी, जो इस रेरा एक्ट के मुताबिक कानून व नियम बनाएंगी। फिलहाल देश में मध्यप्रदेश में अथॉरिटी बनी है। दिल्ली, अंडमान निकोबार व चंडीगढ़ में अंतरिम अथॉरिटी बनी है। नियम नोटिफाइ होने पर ही कोई नया प्रोजेक्ट अस्तित्व में आ सकेगा। ऐसे में शेष राज्यों में अथॉरिटी बननी आवश्यक है। वैसे कई राज्यों ने इस पर अमल शुरु कर दिया है। लोगों व संस्थाओं से सुझाव मांगे गए हैं।

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