jaipur. ना राजनीति, ना भेदभाव फिलहाल लक्ष्य सिर्फ देश को सबसे आगे और सबसे ऊपर ले जाने का। सोच, समझ और सूझबूझ में ईश्वर ने शायद अलग से ही दिमाग में कारीगरी की है तभी तो परिवार से ऊपर उठकर देश को अपना परिवार बनाया और आज जिस मोड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खड़े हैं वह अद्भुत, अकल्पनीय और अविश्वसनीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लिए ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के लिए आदर्श बन चुके हैं। ऐसा नहीं कि पहले ऐसी सोच किसी की नहीं थी लेकिन ऐसी जिद नहीं थी। कुछ कर दिखाने की जिद, सारे रिकॉर्ड तोड़ देने की जिद, खुद को साबित करने की जिद और यह सब वह कर पाते हैं आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, अध्यात्म से जुड़ाव और लोगों के भरोसे से। शायद तभी मोदी ने पहले गुजरात में लंबे समय तक राजनीति में रहे फिर देश की राजनीति में सक्रिय कदम रखा और आज ना सिर्फ प्रधानमंत्री की कुर्सी को सुशोभित कर रहे हैं बल्कि विश्व भर में भारत को प्रसिद्धियों की ऊंचाइयों पर ला खड़ा किया है।
आज के संदर्भ में बात करें तो पीएम मोदी ने देश का नेतृत्व करते हुए सही समय तक पर लॉक डाउन का निर्णय लिया और देश में महामारी के रूप में उभर रहे कोरोना वायरस को काफी हद तक कंट्रोल करने में मुख्य भूमिका निभाई है। इसके लिए उनकी सूझबूझ और दूरंदेशी को वाकई प्रणाम करने का मन करता है, क्योंकि समय रहते अगर उन्होंने अन्य देशों से सीख लेकर यह निर्णय नहीं लिया होता तो आज अमेरिका, इटली और जर्मनी की तरह हमारे देश में भी को रोना भयंकर रूप ले चुका होता।
शायद कुछ नाफरमानी देश को खराब करने की जिद लिए हुए बैठी है और कुछ पढ़े लिखे गंवार तथा कुछ धर्म विशेष के लोगों को इसका पूरा श्रेय दिया जा सकता है जिनके कारण इस महामारी से बचते बचते भी भारत का कुछ हिस्सा लपेटे में आ गया। जानकारों की मानें तो तथाकथित संक्रमण फैलाने वाले देश चीन से रैपिड टेस्ट किट मंगाने की नादानी भी मोदी सरकार से हुई है इसका यहां जिक्र करना इसलिए जरूरी है क्योंकि पीएम ने यह फैसला सोच समझकर शायद नहीं लिया या यूं कहें कि कोई और रास्ता नजर नहीं आने पर यह कदम उठाया गया। साथ ही दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात को मरकज की अनुमति देना बहुत बड़ी गलती थी, वहीं कुछ राज्यों में भी इसी तरह की लापरवाही की गई जिसमें पश्चिम बंगाल और राजस्थान भी शामिल हैं। जानकारों के अनुसार इन राज्यों में कुछ हद तक तो प्रदेश की राजनीति देश की राजनीति पर हावी होने का प्रयास करती रही, वहीं सरकारों में मौजूद कुछ बिचौलियों ने भी इस बीच में सीधा अपना कमीशन का गंदा खेल खेल डाला, तभी तो यहां विशेषज्ञों, पत्रकारों और लोगों की सलाह को भी दरकिनार कर दिया गया।
खैर “देर आए दुरुस्त आए”
रैपिड टेस्ट किट के फेल होने पर तुरंत केंद्र सरकार चोंकी और अब समझदारी दिखाते हुए देश के “वजीर ए आजम” ने एक सही निर्णय चाइना के किट लौटाने का ले डाला। इधर भारत ने एक सहयोगी राष्ट्र की तरह अपने को संभालने के साथ-साथ जरूरतमंद देशों की मदद भी की जिसमें सुपर पावर कहलाने वाले अमेरिका ने भी मदद ली है खैर भारत तो सर्वे भवंतु सुखीनाम में विश्वास करता है। अब यह कहना गलत शायद नहीं होगा कि अब सब कुछ सही हो जाएगा।
देश के प्रधानमंत्री हालांकि अब इस सुधार की ओर मुड़ गए हैं कि देश में फिर से खुशहाली और समृद्धि के द्वार खुल जाएं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से बात कर उनके राज्यों के हालात जाने और अब राज्यों के हालातों के अनुसार उनमें छूट और सामान्य जीवन बहाल करने की तैयारी कर ली है।
इधर अर्थशास्त्रियों की मानें तो भारत के पास ऐसे कई कारक हैं जिनके दम पर भारत वित्त वर्ष 2021 22 में अपनी अर्थव्यवस्था को काफी हद तक फिर से सुधार सकता है, इधर एडीबी ने भी भारत के इस मजबूत पक्ष की बात स्वीकार की है, उधर लॉक डाउन से जहां पीएम मोदी की ताकत और दूरदर्शिता को लोगों ने समझा है वहीं अन्नदाता के रूप में किसान का महत्व भी देश के लोगों को समझ आने लगा है। यानी एक छोटे से वायरस ने लोगों की दुनिया ही बदल कर रख दी है जैसे। शुरुआती दौर में लोगों ने पीएम का विरोध भी किया लेकिन जैसे-जैसे उन्हें इस वायरस की भयावहता नजर आने लगी लोग अब प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं। इस लॉकडाउन ने दुनिया को एक होने की प्रेरणा दी है साथ ही दूरियों की खूबसूरती में करीब होने का एहसास इस घड़ी ने देश को कराया है। दुनिया निस्वार्थ, निष्काम भाव से गरीबों और असहायों की सेवा में जुटी है। स्वच्छ वातावरण के फायदे भी लोगों को अब जाने अनजाने में मिल रहे हैं। शुद्ध हवा और नदियों के जल की निर्मलता इसका ऐसा ही एक उदाहरण है जिसे कोई नहीं झुठला सकता।
अतः यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि पीएम मोदी ने लोक डाउन अपनाकर मानव जीवन रक्षा का अद्भुत, अकल्पनीय और अविस्मरणीय उदाहरण दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है।
अंततः एक बात तो तय है जैसे तैसे इस महामारी से भारत ही नहीं देर सवेर दुनिया भी उभर जाएगी और भारत एक बार फिर से विश्व गुरु की अपनी छवि बनाने में कामयाब होगा। साथ ही भारत अपना गौरव भी हासिल कर लेगा। दुनिया में इस बात के कई कई उदाहरण हैं कि जिस देश का नेता अपनी संस्कृति को लेकर संजीदगी से काम करता है वह वर्षों तक जनता का दुलारा बना रहता है। जैसे अब भारत और नरेंद्र दामोदर दास मोदी वर्षों तक दुनिया के इतिहास में चमकते सितारे बने रहेंगे।