-बाल मुकुन्द ओझा
खूबसूरत पेड़-पौधे और फूलों के बीच घूमने का मजा ही अलग है। हरियाली और प्राकृतिक जगहें तो हर किसी को पसंद
होती है। हिल स्टेशन हो या कोई प्लेस, अक्सर वहां की प्राकृतिक खूबसूरती आपका मन मोह लेती है। ऐसे में अगर
आपको फूलों, हरियाली और प्राकृतिक नजारों से भरपूर गार्डन देखने को मिल जाए तो आपका मन खुशी से झूम
उठेगा। ऐसा ही एक ऐतिहासिक स्थान अमृत उद्यान है। मोदी सरकार ने अंग्रेजों और मुगलों की समृति में बनाये
भवनों और सड़कों के नाम बदलने के क्रम में अब देश की राजधानी में राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम
बदल दिया है। 106 साल पहले अंग्रेजों ने रखा था यह नाम जो अब अमृत उद्यान हो गया है।
ब्रिटिश वास्तुकार सर एडिवन लूटियंस ने साल 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया
और साल 1928 में मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ। 1911 में जब अंग्रेजों ने कोलकाता के बदले दिल्ली को अपनी
राजधानी बनाया था तब रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) बनाने का फैसला किया गया। इसे बनाने के लिए खासतौर से इंग्लैंड से ब्रिटिश वास्तुकार सर एडिवन लूटियंस को बुलाया गया। बताया जाता है अंग्रेजों ने मुगल परंपराओं को अंग्रेजी सौंदर्यशास्त्र के साथ मिला दिया। यही वजह है कि इसका नाम मुगलों के नाम पर पड़ा। इस गार्डन में भारतीय संस्कृति और मुगलशैली की झलक देखने को मिलती है। मुगल गार्डन के डिजाइन को ताजमहल के बगीचों, जम्मू और कश्मीर के बगीचों से प्रेरित माना जाता है। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने पहली बार मुगल गार्डन को आम लोगों के लिए खुलवाया था। तब से लेकर आज तक हर साल बसंत ऋतु में इस गार्डन को आम लोगों के दीदार करने के लिए खोला जाता है।
फूलों की विभिन्‍न किस्‍मों और अपनी खूबसूरती के लिए यह देश ही नहीं, दुनियाभर के लोगों के बीच मशहूर है। राष्ट्रपति भवन में कुल 5 गार्डन या उद्यान हैं, जिनमें से एक मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था। अब राष्ट्रपति ने इन पांचों उद्यानों का नाम अमृत उद्यान करने का निर्णय लिया है। इन उद्यानों में हर्बल गार्डन बोंजाई गार्डन सेंटर लॉन लांग गार्डन सर्कुलर गार्डन शामिल हैं जो अब अमृत उद्यान के नाम से जाने जाएंग। यह हर साल आम लोगों के लिए खुलता है। इन सभी उद्यानों को आम लोगों के दर्शन के लिए 31 जनवरी से खोला जा रहा है। लोग यहां 12 बजे से रात नौ बजे तक यहां घूमने आ जा सकते हैं। 15 एकड़ में फैले इस गार्डन में हर साल दौरान देश-विदेश से लोग फूलों की खूबसूरती देखने पहुंचते हैं। गार्डन में गुलाब के फूल की ऐसी कोई किस्‍म नहीं जो यहां मौजूद न हो। यहाँ विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है।
गुलाब की विभिन्न किस्मों सहित कमल, गेंदा, कुमुदिनी, ट्यूलिप, गुलमोहर, बेला, चमेली, कनेर ही नहीं बल्कि कई
प्रकार के विदेशी फूलों की प्रजातियां भी यहां पर देखने को मिलती हैं। यहाँ संसार के हजारों प्रजातियों के रंग बिरंगे
फूल देखने को मिल जायेंगे। फूलों के रंगों ने जैसे हमारे दिलों में मानो जिंदादिली के रंग घोल दिए। यहां बहुत
खूबसूरत और रंग-बिरंगे फूल हैं। अमृत उद्यान में 138 तरह के गुलाबों के साथ, 10,000 से ज्यादा ट्यूलिप (कंद-
पुष्प) और 70 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 5,000 मौसमी फूल होंगे। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। इनके लिये एक अलग भाग बना हुआ है, जिसे औषधि उद्यान कहते हैं। यहां करीब 160 वेरायटी के पांच हजार पेड़ भी शामिल हैं। प्रकृति की बेहद खूबसूरत सौगात रंग-बिरंगे, महकते फूल सिर्फ आंखों को ही शीतलता नहीं देते बल्कि सेहत की दृष्टि से भी लाजवाब होते हैं। यहां पर आने के बाद आपका घर वापस
जाने का मन नहीं करेगा।

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