– आखों से निकले अंगारे, चिल्लाते हुए दहन हुआ रावण
जोधपुर. शहर में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया। नगर निगम उत्तर व दक्षिण की और से रावण का चबूतरा मैदान पर गोधूलि वेला में रावण दहन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए। मुहूर्त के अनुसार रावण का दहन किया गया। शाम से ही मैदान में लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। इस बार रावण दहन में पुतले का कद 65 फीट का था। इसके साथ ही आकर्षक अतिशबाजी भी की गई। नाभि में तीर लगते ही रावण के मुंह व आंखों से अंगारे निकले। दंभ में रावण चिल्लाया भी। तेज धमाकों के साथ रावण के दस सिर रिर्मोट का बटन दबाते ही उड़े। जोधपुर में 65 फीट का रावण का पुतला तैयार किया गया। विजयादशमी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपस्थित हुए। रावण दहन को देखने बड़ी संख्या में जोधपुर के लोग पहुंचे। रावण का पुतला लगभग सवा पांच मिनट में धराशाही हुआ। इसके साथ ही मेघनाद, कुंभकर्ण, शूर्पणखा और ताड़का के पुतले भी एक-एक कर जलते हुए धराशायी हो गए। रावण दहन के बाद भव्य आतिशबाजी की गई। इस बार रावण व परिजनों के पुतलों को बनाने का काम मथुरा से आए कारीगरों ने बनाए हैं। रावण के पुतले को सिल्क की धोती, जोधपुरी अचकन और जूतियां पहनाई गई। दशहरा महोत्सव को लेकर पुलिस की व्यवस्था भी चाक चैबंद रही। गाड़ियों का जाम नहीं लगे इसके लिए रूट डायवर्ट किया गया। इसके अलावा प्रवेश के सभी गेट और मैदान के बाहर पुलिस के जवान तैनात रहे। रावण दहन के दौरान पटाखे की एक चिंगारी दर्शक दीर्घा में बैठी महिला के नाक पर लगी। इससे उसके नाक से खून बहने लगा। प्राथमिक उपचार के लिए उसे अस्पताल लेकर गए।
– उड़ते हुए आए भगवान राम, उदयपुर में लंका का भी हुआ दहन
दशहरा महापर्व पर राजस्थान में आज जगह-जगह रावण दहन किया गया। कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेला लगा, जिसमें रिमोट से 75 फीट ऊंचा रावण दहन किया।  जयपुर के विद्याधर नगर में प्रदेश का सबसे बड़े और ऊंचे 120 फीट के रावण का दहन किया गया। दहन के समय रावण की आंखों से अंगारे बरसे. मुंह से आग के गोले निकले और नाभि-सिर पर अग्निचक्र चले। वहीं, जोधपुर में रावण दहन देखने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। यहां हाईटेक तरीके से लंकेश्वर का दहन हुआ। उदयपुर में रावण के साथ लंका का भी दहन किया गया। जयपुर के ही आदर्श नगर दशहरा मैदान में 105 फीट ऊंचा रावण जलाया। कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेले में 75 फीट का रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के साथ रिमोट कंट्रोल से जले।

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