जयपुर। केशव विद्या पीठ जामडोली स्थित श्री अग्रसेन स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय में 2 नवम्बर से प्रारम्भ हो रहे घोष शिविर में ग्यारह जिलो के घोष वादक स्वयंसेवक भाग लेगें। शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत, अखिल भारतीय सह-शारीरिक प्रमुख जगदीश चंद्र एवं अखिल भारतीय अधिकारी रामचंद्र भी रहेगें। राजस्थान के वरिष्ठ प्रचारक किशनभैया की विशेष इच्छा थी कि प्रदेश में घोष वादक स्वयंसेवकों का बड़ा कार्यक्रम होना चाहिए। स्वर गोविंदम् किशन भैया का भी स्मरण करवाता है।
-सभी व्यवस्थाएं राजस्थानी थीम पर
राजस्थानी थीम पर आधारित इस घोष शिविर को घोष गांव के रूप में निखारा गया है। इसमें व्यवस्थाओं के स्थल को ठिकाणा गोविन्द देव नाम दिया गया है। घोष वादक स्वयंसेवकों के आवासो को सम्बधित जिले के वाद्ययंत्रों का नाम दिया गया है। जिसमें शेखावाटी क्षेत्र के सीकर झुंझुनू एवं चूरू जिले से आने वाले वादक स्वयंसेवकों के आवास परिसर को ढाणी चंग, जयपुर के स्वयंसवकों के आवास को मोरचंग ढाणी और भरतपुर, अलवर के स्वयंसेवको के आवास को ढाणी इकतारा नाम दिया गया है। इसी प्रकार अन्य आवासों के नाम अलगोजा, खरताल आदि दिये गये है।
पूज्य सरसंघचालक के आवास को बाबोसा रो ठिकाणों, अधिकारी आवास को बडेरा री पौळ, भोजनालय का रसोड़ा, जल-घर को पनघट, मैदान को घोष रमण, स्मृति मन्दिर को सुहावणा दरसन, बौद्धिक पांडाल को ग्यान गोठ (किशन भैया चौपाल), भोजन पांडाल को जीमण री ठौर, एवं स्वागत कक्ष को अगवाणी का नाम दिया गया है।
-फलैक्स बैनर के स्थान पर मिट्टी, गोमय, बांस का उपयोग
फ्लैक्स के स्थान पर टाट पट्टी को मिट्टी एवं गोबर का लेप कर उस पर चूने से लेखन किया गया है। बैकड्रॉप के स्थान पर सूखी लकड़ी की फ्रेम और नाम पट्टिकाओं का प्रयोग हो रहा है। षिविर स्थल को सजाने संवारने के लिए मिट्टी, गोमय (गोबर), बांस, लकडी, घास, टांट की बोरी जैसे अनेक साधनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्राकृतिक वातावरण रहे, साथ ही पर्यावरण दूषित न हो।
-चित्रकूट स्टेडियम में हुआ भूमि पूजन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम स्वर गोविंदम् 2017 के लिए बुधवार को वैशाली नगर स्थित चित्रकूट स्टेडियम में भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की सफलता एवं पर्यावरण की शुद्धता के लिए इस श्रेणी में भूमि पूजन का कार्य संपन्न हुआ। कार्य की सफलता और पर्यावरण की शु़द्धता के लिए हवन एवं पूजन का अपना महत्व है। जो आज वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न भूमि पूजन में साकार हुआ। संघ के जयपुर प्रांत संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, प्रान्त प्रचारक निम्बाराम, लघु उद्योग भारती के प्रकाशचन्द, पूर्व अध्यक्ष ओम मित्तल, राजस्थान क्षेत्र साहित्य परिषद के संगठन मंत्री विपिनचन्द्र, राष्ट्रसेविका समिति की सम्पर्क प्रमुख उषा मित्तल, के साथ बडी संख्या स्वयंसेवक अपने परिवार सहित उपस्थित थे। मातृशक्ति जहां पीले वस्त्रों में कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थी वही पर पुरुष वर्ग मंगल वेश में उपस्थित रहे भूमि पूजन का पूर्ण कार्य पंडित सुरेंद्र के साथ पांच पंडितो द्वारा संम्पन्न करवाया गया।
2 से 5 नवंबर तक केशव विद्यापीठ जामडोली में घोष वादको का शिविर होगा, जिसमें घोषवादक स्वयंसेवक भाग लेंगे। घोष वादन, संचलन एवं कई उत्कृष्ट कार्यक्रमों का अंतिम समारोह स्थल चित्रकूट स्टेडियम होगा। जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत का सानिध्य प्राप्त रहेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घोष वादन का समारोह जयपुर प्रान्त के इतिहास में पहली बार हो रहा है। कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर पर है। जिसमें समाज-जन और स्वयंसेवकों का संगठित प्रयास देखने को मिल रहा है। कार्यक्रमों की श्रेणी में शिविर स्थल जामडोली पर स्थित भारतीय पारम्परिक लोकवाद्य यंत्रों पर आधारित प्रदर्शनी है।