नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को लंबे समय बाद रेपो रेट में चौथाई फीसद यानि 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी है। अब रेपो रेट 6.25 फीसद से घटकर 6 फीसद पर आ गई है। जबकि रिवर्स रेपो में भी चौथाई फीसद की कटौती की गई है। रिवर्स रेपो 0.25 से घटकर 5.75 फीसद हो गई है।
आरबीआई ने महंगाई दर के अनुमान को भी कम कर करते हुए 4 फीसद कर दिया है। वैसे एमपीसी से 4 सदस्य रेट कट के पक्ष में थे।
-कम होगा बैंकों पर दबाव
रेपो दर में कम होने के कारण अब बैंकों पर दबाव भी कम होगा। अर्थात बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकेंगे, जो सीधे तौर पर आम आदमी के गृह ऋण और कार ऋण की ईएमआई में कमी लाएगी। कर्ज सस्ता होने से लोग अधिक संख्या में कार व घर खरीदना पसंद करेंगे। वहीं महंगाई दर के नियंत्रण में होने के कारण अब देश की अर्थव्यवस्था को एक नया बूस्ट भी मिलेगा। इसी तरह रेपो रेट कम होने से बड़ा कर्जा लेने वाली कंपनियों को भी फायदा होने की उम्मीद बंधी है। अब वे पहले के मुकाबले कम ब्याज चुकाते हुए ऋण ले सकेेंगे।
-निवेश में तेजी की संभावना
रेपो रेट कम होने से अब कंपनियों को राहत मिलती नजर आ रही है। वर्तमान दौर में निजी क्षेत्र अब तक के सबसे मुश्किल दौर में गुजर रहा है। इन चुनौतियों के बीच रेपो रेट कम होने से निवेश की संभावनाएं बढ़ गई है। उम्मीद की जा रही है कि अब निजी निवेशक बड़ी मात्रा में निवेश को लेकर फैसला कर पाएंगे।