– पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ एक्शन की सचिन पायलट की मांग पर सीएम अशोक गहलोत ने इशारों में इनकार कर कहा वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई मामला ही पेंडिंग नहीं है।
जयपुर. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ एक्शन की सचिन पायलट की मांग पर सीएम अशोक गहलोत ने इशारों में साफ इनकार कर दिया है। गहलोत ने साफ कहा वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई मामला ही पेंडिंग नहीं है। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने कहा जहां तक वसुंधरा राजे के खिलाफ एक्शन का सवाल है तो मैं अभी भी तैयार हूं। मुझे कोई आम नागरिक भी बताए कि यह उस वक्त में बाकी रह गया था। हमने जो आरोप लगाए थे उसका मैं निस्तारण कर चुका हूं। सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट में। और माइंस का एक बड़ा मुद्दा था वह सारी माइंस कैंसिल हो चुकी हैं। गहलोत ने कहा मेरे दृष्टिकोण से वसुंधरा राजे के खिलाफ एक मुद्दा बचता है, वह मुद्दा हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। वह मुद्दा ईडी का है। मेरे हिसाब से बाकी कोई मुद्दा पेंडिंग नहीं है। अब कोई बताएगा तो कार्रवाई कर देंगे। सचिन पायलट मुद्दे पर गहलोत ने कहा- एक बार हम बैठे हैं। अब उस पर कुछ भी बात करूं तो उसको अन्यथा लिया जाता है। इस टॉपिक को खत्म कर दीजिए। यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है। सचिन पायलट ने 15 मई को अल्टीमेटम देकर गहलोत सरकार से तीन मांगें रखी थीं। पायलट ने वसुंधरा सरकार के करप्शन के खिलाफ हाईपावर कमेटी बनाने, आरपीएएसस को भंग कर पुनर्गठन करने, इसके अध्यक्ष-मेंबर चयन की पूरी प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव करने और पेपरलीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग की थी। गहलोत ने सिंधी कैंप टर्मिनल के लोकार्पण के मौके पर मुआवजे की मांग को ‘बुद्धि का दिवालियापन’ बताकर खारिज कर दिया था। आरपीएसएसी को भंग करने की मांग पर एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पायलट परिवार के मेंबर हैं। उनकी बात का वजन है। उनकी मांग के बाद हमने एग्जामिन करवाया है। संविधान में आरपीएससी को भंग करने का प्रावधान नहीं है। अब वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ एक्शन पर भी कोई मुद्दा पेंडिंग नहीं होने का बयान देकर गहलोत ने पायलट की तीनों मांगों पर जवाब दे दिया है। तीनों ही मांगों को पूरा करने से इशारों में साफ इनकार कर दिया है।
– टिकट पर सही फैसले होंगे तो सरकार रिपीट
गहलोत ने कहा पार्टी और हाईकमान लेवल पर डिस्कस होता रहता है। पार्टी हमेशा सोच-समझकर टिकट बांटती है। सर्वे होते हैं। एआईसीसी भी सर्वे करवाती है। लोकल सर्वे होते हैं। सर्वे के आधार पर फैसले होंगे। टिकट पर सही फैसले होंगे तो मुझे उम्मीद है तो सरकार आने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। लोगों का मूड इस बार लगता है रिपीट करेंगे। इस बार चाहे मोदी आ जाएं या शाह आ जाएं। राजस्थान में जनता इस बार कांग्रेस सरकार रिपीट करने की बात मन में ठान चुकी है। गहलोत राजस्थान में अपना कंपीटीटर किसी को नहीं मानते। मुख्य कंपीटीटर के सवाल पर गहलोत ने कहा- सामने कोई दिख नहीं रहा है। सामने हालात ऐसे हैं कि वे लोग इस बात का कॉम्पिटिशन कर रहे हैं कि कौन ज्यादा किन शब्दों में अशोक गहलोत की आलोचना कर सकता है। आज के हालात ऐसे हैं। बीजेपी की हालत ऐसी है कि वहां पांच-छह मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। कौन अशोक गहलोत की किन शब्दों में आलोचना करें, ताकि हाईकमान को प्रभावित कर सके।
– बीजेपी एक आंदोलन तक नहीं कर सकी
गहलोत ने कहा बीजेपी की ऐसी हालत मैंने कभी नहीं देखी। हमारी पार्टी पूरी तरह एकजुट है। एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे और चुनाव जीतेंगे। मेरे पर किन शब्दों में अटैक करें, उसका आपस में कॉम्पिटिशन हो रहा है। बीजेपी वाले इतने निकम्मे लोग निकले हैं कि साढे 4 साल में एक आंदोलन खड़ा नहीं कर पाए। मैंने सुना अमित शाह जयपुर में आए थे और उनके ऑफिस में गए थे। इन्होंने अमित शाह के सरकार की बुराई करने की बात की होगी, मैंने सुना है सब को डांट दिया था, क्या बकवास करते हो। तुम लोग एक आंदोलन खड़ा नहीं कर पाए।
– मैं अकेले 156 सीटें लेकर आया
गहलोत ने कहा कि जब मैं साल 1998 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष था, उस समय पार्टी 156 सीट लेकर जीती थी। अब 156 सीटें क्या मैं अकेला लेकर आया? पार्टी जीतती है, पार्टी की नीति सिद्धांत जीतते हैं ,हाईकमान का ओरा होता है, उसका भी जीत पर असर पड़ता है। जैसे नरेंद्र मोदी की छवि से मैसेज गया, पूरे देश में हारने वाली सीटें भी जीत गए और हमारे जीतने वाली सीटें भी हम हार गए। इसलिए कोई नेता अकेले सीटें नहीं लाता। हम जब जीते तो सोनिया गांधी कांग्रेस प्रेसिडेंट थी, उनका भी बहुत बड़ा योगदान था। मैंने कभी नहीं कहा कि मैं सीटें लेकर आया।

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