जयपुर। हाईटेक तकनीक इंटरनेट कॉलिग स्पूफिग के जरिए अवैध वसूली करने के मामले में 9 अगस्त को गिरफ्तार किये गये पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर के पोते साहिल राजपाल के खिलाफ एसीबी ने गिरफ्तारी के 6० दिन होने से पूर्व ही गुरुवार शाम को एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 में जज बलजीत सिंह की कोर्ट में चालान पेश कर दिया। मामले में जांच अधिकारी एसपी तेजस्विनी गौतम ने सीआरपीसी की धारा 173/8 में जांच लम्बित रखी है। मामले में अब 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। एसीबी ने साहिल राजपाल को एसीबी का अफसर बन कर स्पूफिंग कॉल के जरिये झुंझुनूं में जलदाय विभाग के अफसर छोटे लाल जाटव से डेढ लाख रुपए की वसूली करने का दोषी माना है।
साथ ही चालान में कहा गया है कि आरोपी जलदाय विभाग के अभियंताओं एवं रसद विभाग के अफसरों को फोन कर एसीबी का एएसपी शंकरदत्त शर्मा का नाम लेकर बात करता था। कॉल स्पूफिंग होने के कारण मोबाइल नंबर भी स्क्रीन पर शंकरदत्त के ही प्रदर्शित होते थे। इसके बाद वह खुद ही शर्मा का ड्राईवर बन रुपए लेने पहुंच जाता था। साहिल ने जलदाय विभाग घूसकांड की आरोपी कंपनी एसपीएमएल के पदाधिकारियों को केस से निकालने के लिए दस करोड रुपए मांगे थे। कंपनी की ओर से इसकी शिकायत एसीबी को की गई थी।