Lodha Commitee

जयपुर। 35 साल पहले लिए गए ऋण की अदायगी नहीं करने पर स्टेट बैंेक ऑफ इण्डिया की ओर से बकाया 35,000 की वसूली के लिए पेश किए गए मुकदमें में बैंक प्रकरण खारिज होने तक विपक्षी ऋणी और गारन्टर के समनों की तामील ही नहीं करा सका। एडीजे-10 कोर्ट जज भूपेन्द्र कुमार सनाढय ने आदेश में कहा कि अदालत ने 6 नवम्बर 2015 को वादी बैंक को प्रतिवादी की तामील कराने के लिए अखबार में समन प्रकाशित करा करवाने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक बैंक ने उसकी प्रति प्रस्तुत नहीं की है। 6 नवम्बर,2015 के बाद कोर्ट ने बैंक को 9 अक्टूबर प्रदान किए हैं, लेकिन बैंक समन प्रकाशित कराने में असफल रहा है। जिससे प्रकरण खारिज किया जाता है। बैंक इण्डस्ट्रीयल जयपुर दक्षिण के ब्रान्च मैनेजर आर. मेहता ने ऋणी बलजीत सिंह निवासी आदर्श नगर और गारन्टर राध्ोश्याम शर्मा निवासी गोपालपुरा.टोंक रोड फाटक के पास के खिलाफ 1870 रुपए कोर्ट फीस जमा कराते हुए वसूली का दावा पेश किया था। बैंक ने बलजीत को मेटाडोर के लिए 62 हजार का मीडियम टर्म लोन ग्रान्ट किया था। किश्तें नहीं चुकाने पर बैंक ने 9 नवम्बरए 1983 को लीगल नोटिस दिया था।

LEAVE A REPLY