नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा की सदस्य शशिकला पुष्पा की याचिका पर आज सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने मतदाता पहचान पत्र का आधार में विलय करने की मांग की है। न्यायालय ने उन्हें छूट दी कि उसकी वृहद् पीठ का सहयोग करें जो आधार से जुड़े कानून को चुनौती देने की सुनवाई कर रही है। अन्नाद्रमुक से निष्कासित पुष्पा की याचिका प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश की गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस याचिका का निस्तारण कर रहे हैं जिसमें आधार मामले में संविधान पीठ का सहयोग करने की स्वतंत्रता होगी।’’ पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें सरकार की महत्वाकांक्षी आधार कार्यक्रम और इसे लागू करने के लिए 2016 के कानून को चुनौती दी गई है।