Regarding the rules of deputation ... jan prahari express

-भाग सिंह
जयपुर। सरकार अपने ही नियम-कायदों की पालना नहीं करवा पा रही है। सरकार का नियम है कि कोई भी अफसर और कर्मचारी पांच साल से लगातार किसी दूसरे विभाग में डेपुटेशन पर नहीं रह सकता है। पांच साल बाद उन्हें मूल विभाग में आना होगा और तीन साल की नौकरी के बाद ही वे फिर से डेपुटेशन पर जा सकते हैं। नियम यह भी है कि अपने सेवाकाल में कोई अधिकारी व कर्मचारी दस साल से अधिक समय तक डेपुटेशन पर नहीं रह सकता। सरकार के इस नियम की हर विभाग के आला अफसर धज्जियां उड़ा रहे हैं। आला अफसर अपने निजी स्वार्थ और कथित फायदों के लिए ना केवल चहेते अफसरों व कर्मचारियों को मलाईदार विभागों में डेपुटेशन पर लगा रहे हैं, बल्कि इन्हें लगाते समय अनुभव व योग्यता को भी परखा नहीं जाता। इससे भ्रष्टाचार पनप रहा है तो अफसरों व कर्मचारियों में भी गुस्सा है। क्योंकि डेपुटेशन पर आए अफसर और कर्मचारी आला अफसरों की मेहरबानी से ना केवल तय समय से पहले ही प्रमोशन पा रहे हैं, बल्कि कई तरह की दूसरी सुविधाएं भी उठा रहे हैं। लगातार डेपुटेशन पर रहने से मूल विभाग में इन अफसरों की उपयोगिता खत्म हो रही है। राज्य सरकार के स्पष्ट नियमों के बावजूद आला अफसर इनकी पालना नहीं कर रहे। जबकि इस संबंध में वित्त विभाग व राज्य सरकार के बराबर निर्देश देती रही है। हाल ही एक निर्देश निकालकर लम्बे समय तक नियम कायदों के विपरीत डेपुटेशन पर गए अफसरों व कर्मचारियों की सेवाएं मूल विभाग में देने को कहा है।

ऊर्जा-जेडीए में डेपुटेशन अफसरों की भरमार
जेडीए, ऊर्जा, नगर निगम, पीएचईडी आदि विभागों में डेपुटेशन अफसरों व कर्मियों की भरमार है। खासकर अफसर लम्बे समय तक नियमों के विरुदध टिके हुए हैं। वे डेपुटेशन के विभागों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं और मूल विभाग जाना ही नहीं चाहते। कहीं फिर से मूल विभाग में ना भेज दिए जाए, इसके लिए वे हर तिकड़म भी अपनाते रहते हैं। ऊर्जा व जेडीए में कई अभियंता तो पांच साल से अधिक समय से डेपुटेशन पर है। तीन अफसर तो ऐसे हैं, वे दस साल से डेपुटेशन पर है। अधिशाषी अभियंता सलीम अहमद वर्तमान में एनएचएआई, अधिशाषी अभियंता सी.पी गुप्ता एवं भंवर सिंह राठौड जेडीए जयपुर में पदस्थापित है। आरयूवीएनएल में मुख्य अभियंता पद पर पदस्थापित एम.एम. रणवा लम्बे समय से डेपुटेशन पर है। यह भी चर्चा है कि रणवा ने इसी विभाग में अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंता पद के प्रमोशन लिए हैं। जबकि नियमानुसार पांच साल के बाद उन्हें मूल विभाग में भेजा जाना चाहिए था। लेकिन हर बार डेपुटेशन की समय अवधि बढ़ा दी जाती है। नगर निगम, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी व दूसरे विभागों में भी ऐसे कई अफसर व कर्मचारी है, जो नियमों के विपरीत डेपुटेशन पर है।

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