जयपुर। जयपुर जवाहरात उद्योग जगत का एक प्रतिनिधि मण्डल भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से मिला और जयपुर के जवाहरात उद्योग की आवश्यकताओं सम्बन्धित समस्याओं का ज्ञापन दिया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी ने बताया कि दिये गये ज्ञापन में जवाहरात उद्योग ने मांग की है कि डायमण्ड और मूल्यवान रत्नों (रंगीन रत्न) पर .25 प्रतिशत जीएसटी एवं अर्द्ध मूल्यवान रत्नों पर 3 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है, जबकि ये दोनों ही रत्न एक ही प्रकार के है। जिनका एक ही तौर पर व्यापार होता है। इन अर्द्ध मूल्यवान रत्नों पर भी .25 प्रतिशत जीएसटी लगाया जायें।
जो तैयार रत्न हम बाहर से आयात (इम्पोर्ट) करते है उस पर पहले 2.5 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था, जिसे बीच में बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया था। जबकि जवाहरात उद्योग यह मांग कर रहा था कि उक्त आयात शुल्क को पुनः 2.5 प्रतिशत कर दिया जायें, परन्तु इसे बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया। इस आयात शुल्क को पुनः 2.5 प्रतिशत कर दिया जावें।
हमारे द्वारा तैयार किया गया माल जो कि विदेशों में लगने वाले एग्जीबिशन में बेचने हेतु ले जाया जाता है, उस माल में से काफी माल बगैर बिके वापस आता है, ऐसे माल पर भी जीएसटी लिया जा रहा है, जो कि यह तर्कसंगत नहीं है।
जवाहरात उद्योग की ओर से यह भी मांग की गई कि जयपुर से हांगकांग के लिए सीधी फ्लाईट उपलब्ध करवायी जावें, जिससे कि जवाहरात उद्योग जगत के व्यापारियों को आने-जाने की व्यवस्थाऐं सुलभ हो सके, ऐसी मांगे केन्द्रीय मंत्री के सामने रखी गई। उक्त मांगों को पूरी करने के लिए केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने जवाहरात उद्योग के प्रतिनिधि मण्डल को आश्वासन भी दिया है।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी, जयपुर ज्वैलर एसोसिएशन के अध्यक्ष संयज काला, सचिव द्वारका प्रसाद खण्डेलवाल, संयुक्त सचिव नीरज लूणावत, पूर्व अध्यक्ष विजय केडिया, पूर्व उपाध्यक्ष अरूण गोखरू उपस्थित रहे।